-होली पर कई सार्वजनिक सेवाओं के कर्मचारी छुट्टी की वजह से नहीं जा पाते हैं घर, उनके लिए फेस्टिवल से पहले है ड्यूटी

>kanpur@inext.co.in

KANPUR: होली हो या दीपावली। घर से बाहर रहने वाले हर शख्स की पूरी कोशिश रहती है कि वो फेस्टिवल घर पर अपनों के साथ मनाए। क्योंकि फेस्टिवल का मजा भी अपनों के साथ ही है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पूरी कोशिश करने के बाद भी अपने घर नहीं पहुंच पाते हैं। आज आप रंगों के पर्व पर एक दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाएंगे लेकिन कुछ लोग शहर में ऐसे भी हैं जोसिर्फ ऐसा सोच पाएंगे क्योंकि उनके लिए ड्यूटी ही होली है। उनमें पुलिसकर्मी, डॉक्टर्स और दूसरे सेवाओं के इम्प्लाइज शामिल हैं।

'होली पर घर जरूर आना'

पुलिस कॉन्सटेबिल नेहा का कहना है कि उनका घर हमीरपुर में है। मम्मी ने कहा था कि होली पर घर जरूर आना लेकिन छुट्टी नहीं मिली। अब ऐसे में कैसे घर जा पाऊंगी? होली पर शहर की कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस की तैनाती बहुत जरूरी है। ऐसे में छुट्टी हर किसी को तो मिल नहीं सकती है। सबइंस्पेक्टर अरुणिमा खन्ना का कहना है कि कोशिश तो पूरी की थी कि होली पर घर पहुंच जाऊं लेकिन हम लोगों के लिए तो ड्यूटी पहले है। पिछले साल भी होली पर घर नहीं पहुंच पाई थी। लेकिन कोई टेंशन नहीं है बस शहर में शांतिपूर्ण माहौल रहे। सबइंस्पेक्टर आरके सिंह का कहना है कि जिस दिन पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी, उसी दिन ये सोच लिया था कि पहले ड्यूटी है बाकी सबकुछ उसके बाद। उनके मुताबिक होली पर शहर में शांति व्यवस्था बनी रहे इसके लिए पुलिस बल पर्याप्त मात्रा में मौजूद होनी चाहिए।

ताकि मिल सके इलाज

होली पर कानपुराइट्स रंग की मस्ती में सराबोर होंगे। क्योंकि मार्केट केमिकल युक्त रंगों से पूरी तरह पटे हुए हैं। मार्केट भी बता रहा है कि केमिकल रंगों की जमकर खरीदारी हुई है। ऐसे में अगर ये रंग आपको अगर थोड़ा सा भी नुकसान पहुंचाते हैं तो उसके इफेक्ट से आपको बचाने के लिए डॉक्टर्स अपनी होली कुर्बान कर देते हैं। हैलट हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग के हेड डॉ। संजय काला का कहना है कि छुट्टी तो अब भूल ही गए हैं, खासकर होली और दीपावली पर। क्योंकि फेस्टिवल पर हाई अलर्ट रहता है। ऐसे में डॉक्टर्स की जो टीम ड्यूटी पर रहती है उनके लिए तो ड्यूटी ही होली है। डॉ। संजय कुमार, डॉ एके गुप्ता का कहना है कि जब तक नौकरी करेंगे वही होली है और वो ही दीपावली है।