केंद्र सरकार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना नेपाल दौरा टालने की सलाह दी है. नीतीश कुमार रविवार को को जनकपुर की यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन विदेश मंत्रालय ने उनसे फोन करके यात्रा स्थगित करने को कह दिया. मंत्रालय का कहना है कि नीतीश उपयुक्त समय पर यह यात्रा कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री के नेपाल जाने से रोके जाने से उनकी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस पर तीव्र नाराजगी प्रकट की है और इस मसले को संसद में उठाने का ऐलान किया है. यह तीसरा मौका है जब विदेश मंत्रालय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेपाल जाने से रोका है. इस मामले में विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कुमार जनकपुर जाना चाहते थे जिसकी अनुमति उन्हें दे दी गई थी, लेकिन हाल में वहां भूकंप आने के बाद भारत के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा करने के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है कि नीतीश कुछ समय बाद नेपाल की यात्रा करें.
मंत्रालय का कहना है कि हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव एस जयशंकर और प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पीके मिश्रा के दौर के बाद अनुभव किया गया कि मुख्यमंत्री के नेपाल दौरे का यह सही समय नहीं है. गौरतलब है कि नेपाल में 25 अप्रैल को आए भूकंप में 7000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग घायल हुए हैं. वहां बड़े पैमाने पर राहत और बचाव का काम चल रहा है.
इस यात्रा को स्थगित किये जाने के बाद जदयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में ज्यादातर लोग जनकपुर में रहते हैं और वो बिहारी मूल के हैं. इसलिए नीतीश कुमार वहां जाकर उनकी मदद करना चाहते थे, लेकिन विदेश मंत्रालय ने जो तर्क दिया है वह सरासर अनुचित है. हम इस मामले को संसद में उठाएंगे.
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