- मामला उजागर होने के बाद भी वन विभाग की कार्रवाई सवालों के घेरे में

- टीम बनाकर की इतिश्री

आगरा। ताजनगरी में कछुए की खुलेआम होने का मामला उजागर होने के बाद भी वन विभाग ने अपनी आंखें मूंदी हुई हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कछुओं की तस्करी को लेकर मामला उठाया, वन विभाग को इसकी जानकारी भी दी लेकिन सिर्फ दो लोगों की टीम बनाकर वन विभाग ने इतिश्री कर ली। ऐसे में आगरा में जगह-जगह हो रही कछुओं की तस्करी में विभाग के भी कुछ लोगों का हाथ होने से इंकार नही किया जा सकता, बिना प्रशासनिक मदद के इतने बड़े स्तर पर तस्करी मुमकिन नहीं है।

रैकी की टीम बनाकर औपचारिकता की पूरी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गत 16 सितंबर को आगरा में हो रही कछुओं की तस्करी को लेकर स्टिंग ऑपरेशन से खुलासा किया था। शहर के फिश प्वॉइंट्स शॉप पर एक्वेरियम में रखने के लिए कछुए बेरोक-टोक बेचे जा रहे हैं। मामले को लेकर जब वन विभाग को जानकारी दी गई तो उन्होंने मात्र एक टीम बनाकर इसकी कार्रवाई की औपचारिकता पूरी कर ली।

टीम का काम क्या, इस पर ही संशय

वन विभाग ने दो जनों की टीम बनाई है जो शहर के फिश प्वॉइंट्स पर रैकी कर रहे हैं। इस टीम में कौन है, विभाग न तो यह बता पा रहा है और उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। वन विभाग का कहना है कि हम लोग इनका स्त्रोत जानना चाहते हैं कि ये कहां से कछुए लेकर जा रहे हैं। जबकि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की बताई जगहों पर ट्रैप कर विभाग द्वारा आसानी से ये जानकारी मालूम की जा सकती है।