- नंगला आर्डर के जंगल में दर्जनों हरे पेड़ पर चला वन माफिया का कुल्हाड़ा

 

Sardhana : वन विभाग में से¨टग से माफियाओं को धड़ल्ले से हरे पेड़ काटने की छूट दी जा रही है। नियमों को ताक पर रखकर पेड़ काटने के परमिट जारी हो रहे है। पुलिस प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके चलते क्षेत्र में हरियाली धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर है। गुरुवार को नंगला आर्डर के जंगल में वन माफिया ने आम के दर्जनों हरे पेड़ों को काट डाला। मीडियार्किमयों के पहुंचने पर पेड़ काटने में जुटे मजदूरों का कहना था कि ऊपर तक हमारी से¨टग है, कुछ नहीं बिगड़ेगा।

 

क्षेत्र में वन माफिया काफी सक्रिय हैं। यहां धड़ल्ले से हरियाली पर कुल्हाड़ा चलाया जा रहा है। वन विभाग से नियमों को ताख पर रखकर हरे व फल देने वाले पेड़ों को काटने का भी परमिट जारी किया जा रहा है। इसके लिए पेड़ों के रोगग्रस्त होने की झूठी रिपोर्ट तैयार कर दी जाती है। सूत्रों की माने तो इसके लिए वन माफिया ऊपर तक से¨टग करते हैं। जिससे पेड़ काटने के दौरान कोई दिक्कत न हो। पुलिस प्रशासन भी हरियाली पर चल रहे कुल्हाड़े को देखकर मौन साधे हुए है।

 

सेटिंग की धौंस

नंगला आर्डर गांव के जंगल में वन माफिया ने आम के दर्जनों पेड़ काट डाले। मामले की सूचना पर जब मीडियाकर्मी पहुंचे तो एकबारगी मजदूरों में खलबली मच गई। बाद में उन्होंने मीडियार्किमयों को ऊपर तक से¨टग होने की धौंस देते हुए कहा कि हमारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। इसके बाद फिर से पेड़ काटने के काम में जुट गए।

 

34 पेड़ काटने की अनुमति

इस संबंध में वन रेंजर से बात करने का प्रयास किया गया, मगर उनसे संपर्क नहीं हो पाया। वन दरोगा ओमदत्त शर्मा का कहना है कि ठेकेदार पर 34 पेड़ काटने की अनुमति है, मगर हरे पेड़ काटने की अनुमति किस आधार पर देने की बात पर वह चुप्पी साध गए।