- कारोबारी सामान के भार को कई फर्मो में बांटकर करते थे टैक्स चोरी, शासन ने नियम मे किया संशोधन

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KANPUR। सामान के वेट के हिसाब से फार्म 21 भरने में कारोबारी बड़े-बड़े 'खेल' करते थे। पूरा माल टैक्स चोरी करके फार्म 21 भरे बिना सिटी में आसानी से लाया जा रहा था, जिससे निपटने के लिए हाल ही में शासन ने फार्म 21 के तहत आने वाले सामान को भार के हिसाब से न करके मूल्य के हिसाब से भरने के निर्देश दे दिए हैं।

गैर राज्यों से आने वाले माल पर

दरअसल कुछ ऐसे पदार्थ हैं, जिन्हें गैर राज्यों से मंगाने पर फार्म 21 भरना पड़ता है। सुपाड़ी, लोहा, स्टील, खाद्य तेल, मेन्था ऑयल की ढुलाई पर फार्म 21 भरना होता है। ये फार्म 9 टन तक माल मंगाने पर भरना होता है। अब इन सामग्रियों को मंगाने के लिए भार के बजाय मूल्य के आधार पर फार्म 21 भरना होगा। अब इनके लिए एक लाख रुपये तक की सीमा तय की गई है। वहीं मेंथा आयल के लिए सीमा 50 हजार रुपये निर्धारित की गई है।

कई फर्मो के नाम पर रसीद

पहले की व्यवस्था का फायदा उठाते हुए एक ही व्यापारी द्वारा ट्रक पर 15 से 18 टन तक माल मंगाया जाता था और फार्म 21 भरने से बच जाते थे। फार्म 21 भरने के बजाय माल को दो या तीन फर्मो के नाम पर दिखा दिया जाता था। इससे भार सीमा कम हो जाती थी और फार्म 21 भरने से बच जाता था।

'शासन स्तर पर इस संशोधन को तैयार किया गया था। जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.'

- सुनील मित्तल, टैक्स सलाहकार