- एमजी इंटर कॉलेज में फ्री ऑफ कॉस्ट ले सकेंगी ट्रेनिंग

- वुमंस क्रिकेट की सेक्रेटरी के साथ एमजी कॉलेज प्रोफेसर और कई एकेडमी ने बढ़ाया कदम

- पिच बनाने का काम शुरू, बरसात बाद स्कूल में कॉन्टैक्ट कर शुरू हो जाएगी प्रैक्टिस

GORAKHPUR: काफी दिनों से सौतेलेपन का शिकार गोरखपुर की ग‌र्ल्स क्रिकेटर्स को अब बेहतर प्लेटफॉर्म मिलेगा। उन्हें न सिर्फ फ्री ऑफ कॉस्ट बेहतर कोचिंग मिलेगी, बल्कि आगे बढ़ने के लिए उनकी हर तरह से हेल्प भी की जाएगी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन 'महिला क्रिकेट का खस्ता हाल' में हकीकत से रूबरू हुए फॉर्मर खिलाडि़यों के साथ ही कुछ एकेडमी ने भी ग‌र्ल्स क्रिकेट को प्रमोट करने के लिए कदम आगे बढ़ाया है। इसके तहत बेसिक लेवल पर कोचिंग के साथ ही उन्हें हर सुविधा मुहैया कराने पर जोर दिया जाएगा, ताकि यूपी और देश की टीम में भी शहर का टैलेंट नजर आए।

एमजी एडमिनिस्ट्रेशन ने दी फील्ड

ग‌र्ल्स क्रिकेट फिर से बुलंदियों पर जाए, इसके लिए महात्मा गांधी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के प्रबंधक प्रेम नारायण श्रीवास्तव ने फील्ड देने की पहल की है। वहीं, स्टेट और नेशनल लेवल पर जलवा बिखेर चुकी फॉर्मर क्रिकेटर्स रीना सिंह जो पहले से ही ग‌र्ल्स को हुनर तराशती आ रही हैं, डॉ। क्षमता श्रीवास्तव के साथ मिलकर ग‌र्ल्स को ट्रेंड करने का फैसला किया है। यह दोनों ही खिलाड़ी उन्हें किट के साथ ही बुनियादी सुविधाएं भी मुहैया कराएंगे और वक्त-वक्त पर टूर्नामेंट ऑर्गनाइज कर उनको सिचुएशन हैंडलिंग भी सिखाएंगी।

सिर्फ ग‌र्ल्स की होगी एकेडमी

एमजी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। शैलेंद्र सिंह के एनकरेजमेंट पर शुरू होने वाली इस एकेडमी में सिर्फ ग‌र्ल्स क्रिकेटर्स ही प्रैक्टिस कर सकेंगी। यह पहली एकेडमी होगी, जो ग‌र्ल्स के लिए होगी और यहां कोचिंग भी सिर्फ वुमंस क्रिकेटर्स ही देंगी। ऐसी कंडीशन में अपनी बेटियों को क्रिकेटर्स बनाने से डरने वाले पेरेंट्स को काफी राहत मिलेगी, जो मेल कोच और अपनी लाडली की सिक्योरिटी की वजह से उन्हें प्रैक्टिस पर भेजने के लिए हिचकिचाते आए हैं।

बरसात बाद शुरू होगी प्रैक्टिस

कोचिंग शुरू करने के लिए कवायद 15 अगस्त के बाद शुरू हो जाएगी। इसके लिए दोनों ही क्रिकेटर्स स्कूल-स्कूल जाकर ग‌र्ल्स क्रिकेट को मोटीवेट करेंगी और इंटरेस्टेड ग‌र्ल्स को कॉलेज में एक बेहतर प्लेटफॉर्म देंगी। बरसात के बाद एमजी कॉलेज में नेट लगाकर ग‌र्ल्स को प्रैक्टिस का मौका दिया जाएगा। इस दौरान बेसिक इंफॉर्मेशन के साथ ही उन्हें क्रिकेट खेलने की टेक्टिस और प्रेशर से जूझना भी सिख्ाया जाएगा।

कई एकेडमीज ने भी बढ़ाया हाथ

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पहल पर ग‌र्ल्स क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए क्रिकेट एकेडमीज के साथ ही डॉक्टर्स ने भी हाथ आगे बढ़ाया है। राणा राजी देवी ट्रस्ट के सेक्रेटरी सुनील राणा ने जहां हर जरूरत को पूरा करने की बात की है, वहीं शीला स्पो‌र्ट्स एकेडमी के जिम्मेदार बशीर अहमद ने भी ग‌र्ल्स के लिए सभी संभव सहयोग करने की बात कही है। इतना ही नहीं कुछ डॉक्टर्स ने भी जरूरी चीजों को फायनेंस करने की पेशकश की है।

खिलाड़ी एक नजर

रीना सिंह -

- 1990 से 2005

- नेशनल

- इंटर जोनल

- जूनियर इंडिया कैंप

- श्रीलंका टूर

- मीडियम पेसर, मिडिल ऑर्डर बैट्समेन

डॉ। क्षमता श्रीवास्तव -

- 1987 से 1995

- डिस्ट्रिक्ट

- नेशनल

- सेंट्रल जोन

- रानी लक्ष्मीबाई ट्रॉफी (चार बार)

- मीडियम पेसर, मिडिल ऑर्डर बैट्समेन

वर्जन

ग‌र्ल्स क्रिकेट के लिए काफी पहले से प्रयासरत हूं। मगर ऐसोसिएशन ने कभी ग‌र्ल्स क्रिकेट को सीरियस नहीं लिया। कुछ खिलाड़ी यहां अपनी मेहनत से निकलकर दूसरे स्टेट में स्पो‌र्ट्स कोटा में जॉब कर रहे हैं। अब एमजी एडमिनिस्ट्रेशन का सहयोग मिला है। जल्द ही ग‌र्ल्स फिर कमाल दिखाएंगी।

- रीना सिंह, कोच, ग‌र्ल्स क्रिकेट

हमारे जमाने में ग‌र्ल्स क्रिकेटर्स के लिए कोई फैसिलिटी नहीं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ग‌र्ल्स क्रिकेट सीरीज पढ़कर यह अहसास हुआ कि अब भी हाल वही है। इसलिए ग‌र्ल्स के साथ अब ऐसा न हो, इसके लिए उन्हें ट्रेन करने की कोशिश कर रही हूं। कोचिंग के साथ ही उन्हें जो भी जरूरी सामान होंगे, मुहैया कराने की कोशिश करूंगी।

- डॉ। क्षमता श्रीवास्तव, फॉर्मर क्रिकेटर