4.5 साल, 8 विस्तार, 8 बर्खास्त मंत्री लौटे

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LUCKNOW (26 Sept): अखिलेश सरकार ने सोमवार को तीन बर्खास्त मंत्रियों को दोबारा मंत्रीपद की शपथ दिला कर नया रिकॉर्ड बना दिया। इसे संयोग कहें या कुछ और। अखिलेश सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में आठवें विस्तार में आठ ऐसे मंत्री रहे जिन्हें बर्खास्त करने या हटाने के बाद दोबारा मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी। आइये ऐसे मंत्रियों के बारे में जानते हैं।

पंडित सिंह

गोंडा में सीएमओ अपहरण की शिकायत पर मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया गया दोबारा मिनिस्टर बनाया गया और फिर प्रमोशन भी किया गया, अब कृषि मंत्री हैं।

पवन पांडेय

पवन पांडेय को अधिकारियों के साथ गाली गलौज के आरोप में अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था बाद में दोबारा राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलायी गयी। अब वन विभाग में राज्य मंत्रीं।

रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया

डिप्टी एसपी जियाउल हक की हत्या के बाद राजा भइया ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। अब स्टांप विभाग के मंत्री।

नारद राय

पिछले साल अक्टूबर में अखिलेश यादव ने आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। उसमें नारद राय का भी नाम शामिल था। नारद को पिछले जून महीने में दोबारा शपथ दिलायी गयी। अब स्टांप विभाग के मंत्री। साइंस एंड टेक्नोलॉजी कैबिनेट मिनिस्टर

शिवाकांत ओझा

सोमवार को शपथ लेने वालों में शिवाकांत ओझा का नाम भी शामिल है। पिछले साल अक्टूबर में अखिलेश यादव ने जिन आठ मंत्रियों को बर्खास्त किया था उसमें शिवाकांत ओझा भी थे।

बलराम यादव

22 जून को पारिवारिक विवाद की गाज बलराम यादव पर गिरी थी। बलराम यादव को मुख्यमंत्री ने बर्खास्त कर दिया था। लेकिनपांच दिन बाद ही बलराम को दोबारा शपथ दिलाई गई।

मनोज पांडेय

चार महीने पहले नारद राय को एडजस्ट करने के लिए मनोज पांडेय को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था। उनपर कई आरोप भी लगे थे। चार ही महीने में दोबारा मंत्री पद हासिल।

गायत्री प्रसाद प्रजापति

बलराम यादव के बाद गायत्री सबसे कम समय में बर्खास्त होने के बाद मंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति हैं। गायत्री को मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया था।