फ्लैग: मेडिकल कालेज पुल पर दर्दनाक हादसा, तीन छात्रों की मौत

-तेज रफ्तार ईको स्पो‌र्ट्स कार बाइक से टकराकर पलटी, कार सवार दोनों छात्रों ने तोड़ा दम

- बाइक सवार तीसरा छात्र स्टेट लेवल का बॉक्सिंग प्लेयर था, एक दिन पहले ही मिला था गोल्ड मेडल

- कार चला रहे यमन की जिद पर घरवालों ने छह महीने पहले दिलाई थी कार, बिना बताए घर से निकला था

कार के नीचे दब गई बाइक
शास्त्री नगर निवासी अनिल यादव होजरी का काम करते है। उनका बेटा जयन्त (21) बीएससी में पढ़ता था, वह बॉक्सर भी था। वह रोज की तरह सुबह प्रैक्टिस करने के लिए बाइक से ग्रीनपार्क जा रहा था। वह मेडिकल कालेज पुल पर पहुंचा था कि सामने से आ रही तेज रफ्तार ईको स्पोर्टस कार बाइक में टक्कर मारकर पलट गई। बाइक भी कार के नीचे दब गई। कार में आर्यनगर निवासी गायक संगीत तिवारी का बेटा यमन (18) और उसका दोस्त शिवम पांडेय (20) था। आनन फानन में पुलिस लोगों की मदद से तीनों को बाहर निकालकर हैलट ले गई, लेकिन वे दम तोड़ चुके थे।

नाबालिग के हाथ में थी कार की स्टेयरिंग
आर्यनगर निवासी गायक संगीत तिवारी की ईको स्पोर्टस कार से हादसा हुआ है। उनके परिवार में पत्नी आशा, बेटी वैष्णवी और बेटा यमन था। उन्होंने छह महीने पहले ही बेटे की जिद पर ईको स्पोर्टस कार खरीदी थी। यमन शीलिंग हाउस स्कूल में हाईस्कूल का छात्र था। पंचनामा में उसकी उम्र 18 साल लिखवाई गई है, लेकिन हाईस्कूल का छात्र होने से उसका नाबालिग होना प्रतीत हो रहा है। रिश्तेदारों के मुताबिक यमन घरवालों को बिना बताए सुबह करीब छह बजे कार लेकर निकल गया था। वह दोस्त शिवम को लेकर उसको शास्त्री नगर कोचिंग छोड़ने जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार रफ्तार काफी ज्यादा था। पुल के बीच में हल्का सा टर्न है। वहां पर यमन ने तेज रफ्तार में गाड़ी को टर्न किया। जिससे कार अनियंत्रित होकर बाइक से टकराकर पलट गई।

एक दिन पहले ही मिला था गोल्ड मेडल
हादसे में मरा बाइक सवार बॉक्सिंग का स्टेट लेवर का प्लेयर था। उसके परिवार में पिता अनिल के साथ मां उर्मिला और भाई जीतू है। जीतू ने बताया कि जयंत ने हाल में भी एक स्टेट लेवल का टूर्नामेंट जीता था। उसको 26 जनवरी को ग्रीनपार्क में गोल्ड मेडल दिया गया था। वह मेडल पाकर बेहद खुश था। उसे शनिवार को दोस्तों को पार्टी देनी थी, लेकिन उससे पहले उसकी मौत हो गई।

एकलौता बेटा था शिवम
शिवम बेनाझाबर निवासी लक्ष्मण पांडेय का एकलौता बेटा था। लक्ष्मण प्राइवेट नौकरी करते है। परिवार में पत्नी मंजू, दो बेटियां रीया, सुनाली और बेटा शिवम था। शिवम क्राइस्टचर्च कालेज में बीएससी का स्टूडेंट था। वह सुबह कोचिंग जाने की बात कहकर घर से निकला था। उसकी मौत से मां को गहरा सदमा लगा है। बहनें रो-रोकर बेहाल हो गई थी।

  तो बच जाती जान
मेडिकल कॉलेज पुल पर हुए हादसे में होनी ने अपना खेल कर दिया। यह होनी टल सकती थी अगर कार में बैठे दोनो छात्र सीट बेल्ट लगाए होते। सीट बेल्ट न लगाए होने की वजह से कार के अंदर एयर बैलून नहीं खुला और दोनो की जान चली गई। एयर बैलून तभी खुलता है जब गाड़ी चलाने वाला व कार में बैठे लोग सीट बेल्ट लगाए होते हैं।