एसटीएफ के राडार पर चार फैकल्टी मेंबर्स

हाथ लगे अहम सबूत, केजीएमयू पहुंची टीम

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: सीपीएमटी पेपर लीक मामले में हर दिन नए तार जुड़ रहे हैं। प्रदेश के सबसे ब्राइट मेडिकोज का भविष्य संवारने वाले केजीएमयू के कई नामी फैकल्टी मेंबर्स भी स्पेशल टास्क फोर्स के राडार पर आ चुके हैं। सरदार पटेल हॉस्टल में रहने वाले जालसाजों के साथ इनके गाढ़े रिश्तों की कलई खुलने लगी है। सूत्रों के अनुसार ये फैकल्टी मेंबर्स पेपर लीक कराने और सॉल्वर बैठाने के गोरखधंधे में शामिल थे। एसटीएफ को मामले में कुछ अहम सबूत भी हाथ लगे हैं।

कई फैकल्टी मेंबर्स हैं इंवॉल्व

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, अभी तक जो लोग गिरफ्त में आए हैं वह तो सिर्फ मोहरे हैं। इनका जाल केजीएमयू सहित प्रदेश के कई मेडिकल कॉलेजों तक फैला है। एसटीएफ को ठोस सबूत मिले हैं कि पेपर लीक कराने और सॉल्वर बनाने के गैंग में केजीएमयू के चार नामी फैकल्टी मेंबर्स का बड़ा हाथ है। एसटीएफ टीम ने केजीएमयू प्रशासन से कई और जानकारी मांगी हैं। असल में फैकल्टी मेंबर्स का नाम आने से एसटीएफ भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कडि़यां मिलते ही घेरे में आए फैकल्टी मेंबर्स भी दबोचे जाएंगे।

अस्सिटेंट प्रॉवोस्ट भी गैंग में

एसटीएफ के सूत्रों के अनुसार, घेरे में आने वालों में एक अस्सिटेंट प्रॉवोस्ट का भी नाम है। इसे पहले कुछ आरोप लगने उसे पद से हटाया भी गया था लेकिन कुछ माह बाद ही फिर जिम्मेदारी सौंप दी गई। सूत्रों के अनुसार, गैंग में इनकी बड़ी भूमिका है। उधर, हॉस्टल के स्टूडेंट्स का कहना है कि गिरफ्त में आए डॉ। अभिमन्यु और डॉ। रमणध्वज के कमरों में अक्सर हंगामा होता था लेकिन टीचर्स हमेशा इन्हें इग्नोर करते रहे। जिसके कारण शक की सुई टीचर्स पर भी है।

हॉस्टल में टकराते थे जाम

सरदार पटेल हॉस्टल का कमरा नंबर-ख्ख् काफी चर्चा का केंद्र है। यह वही कमरा है जिसमें रमणध्वज रहता था। हॉस्टल के मेडिकोज का कहना है कि कमरे में हमेशा चार से पांच लोग बने रहते थे और इसमें रोजाना पार्टी होती थी। रोज रात में जाम टकराते थे जिसके कारण दूसरे मेडिकोज को अक्सर दिक्कत होती थी। लेकिन कभी भी इनके खिलाफ शिकायत नहीं की। छात्रों के मुताबिक इनका रहन सहन देख दूसरे छात्र भी आश्चर्यचकित थे।

एक दिन पहले हुई मुलाकात

मेडिकोज ने बताया कि सीपीएमटी के एग्जाम के एक दिन पहले ही हॉस्टल के पीछे स्थित चाय की दुकान पर दोनों आरोपी छात्रों के साथ डॉ। राजेश रंजन व अन्य आरोपी मिले थे। छात्रों ने बताया कि जिन लोगों की फोटो अखबारों में छपी और एसटीएफ ने अरेस्ट किया था लगभग वह सभी आए थे। जिसमें से ज्यादातर हॉस्टल के अंदर भी आए थे।

एसटीएफ की टीम पहुंची केजीएमयू

बुधवार दोपहर अचानक एसटीएफ के दो अधिकारी केजीएमयू पहुंच गए। उन्होंने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से सीपीएमटी के दिन इंटर्नल एग्जाम में अब्सेंट रहे मेडिकोज की डिटेल मांगी है। इसके अलावा एसटीएफ ने फ् मई को हुए एआईपीएमटी, क्7 मई को हुए उत्तराखंड पीएमटी और ख्भ् मई को हुए सीपीएमटी एग्जाम के दिन अब्सेंट रहे सभी मेडिकोज की डिटेल मांगी है। एसटीएफ ने यह डिटेल भी मांगी है कि अब तक मेडिकोज व फैकल्टी मेंबर्स कौन कौन से हैं जिनके खिलाफ सॉल्वर बनने या पेपर लीक कराने जैसे मामलों में चार्ज लगाए गए हैं। इनके जवाब मिलने के बाद केजीएमयू से कई बड़े पकड़े जा सकते हैं।

एक कमरे में चार ताले

रमणध्वज और अभिमन्यु सिंह के पकड़े जाने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने सरदार पटेल हॉस्टल में दोनों के ख्ख् नम्बर व म्8 नम्बर कमरों को सीज कर दिया है। सबसे बड़ी बात ख्ख् नम्बर कमरे में एक समय में तीन से चार ताले लगे रहते थे। इनकी चाभियां भी कई लोगों के पास थी। ज्यादा ताले इसलिए लगे थे कि गैंग से बाहर का कोई लड़का कमरा न ओपेन कर ले।

क्भ् दिन जेल में रहा था अभिमन्यू

अभिमन्यु को इससे पहले मध्य प्रदेश की एसटीएफ भी उठा कर ले गई। एसटीएफ ने इसे ख्8 जनवरी ख्0क्भ् को जेल भेज दिया था। जहां वह क्भ् दिन तक जेल में रहा था। लेकिन साक्ष्यों के अभाव में उसे बेल मिल गई। मध्य प्रदेश में अभिमन्यु ने अश्रि्वन नाम के स्टूडेंट की जगह परीक्षा दी थी, जो गांधी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहा था। उसकी फिंगर प्रिंट व अन्य जांचों के दौरान पकड़ा गया तो अभिमन्यु के नाम का खुलासा हुआ था।

खबर छपी तो बदल गए प्रॉवोस्ट

आई नेक्स्ट की खबर की केजीएमयू में दिन भर चर्चा रही। सरदार पटेल हॉस्टल में सॉल्वर गैंग के खुलासे के बाद केजीएमयू प्रशासन ने हॉस्टल के सभी प्रॉवोस्ट को हटा दिया है। केजीएमयू प्रशासन ने अब डॉ। आशीष वाखलू को हॉस्टल का नया प्रोवोस्ट बनाया गया है। इसके अलावा डॉ। संजय खत्री और डॉ। अरशद अहमद को असिस्टेंट प्रोवोस्ट बनाया गया है। वहीं डॉ। मनीष बाजपेई को चक्रवर्ती छात्रावास का प्रोवोस्ट और डॉ। आरके दीवान व डॉ। जगदीश नारायन को असिस्टेंट प्रोवोस्ट की जिम्मेदारी दी गई है।