-फर्जी दस्तावेज के सहारे बाइक फाइनेंस कराते थे

-बाइक के फर्जी पेपर तैयार कर उसको बेचने का गोरखधंधा था

KANPUR : शहर में फर्जी दस्तावेज के सहारे गाड़ी फाइनेंस कराकर उसे बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। यह खुलासा रविवार को एसएसपी शलभ माथुर ने एक गिरोह के चार मेंबर्स को गिरफ्तार करके किया। ये चारों शातिर फर्जी दस्तावेज के सहारे दूसरे नाम से गाड़ी फाइनेंस करवा लेते थे। इसके बाद वे उसे दूसरे व्यक्ति को बेच देते थे।

इंद्रानगर में रहने वाले अमित कुमार दीक्षित का गांधी मोटर्स नाम से पनकी में शोरूम है। एक शातिर गिरोह ने हिरोफिन कार्प फाइनेंस से क्ब् बाइक फाइनेंस कराकर शोरूम से उठा ली थी। जब फाइनेंस की किश्त के लिए बैंक में चेक लगाई गई तो वो बाउंस हो गई। शोरूम मालिक ने पड़ताल की तो पता चला कि फर्जी दस्तावेज के सहारे गाडि़यां फाइनेंस कराई गई थी। उसमें दर्ज नाम और पते भी फर्जी थे। उन्होंने पनकी थाने में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की पड़ताल में फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारी अलोक सोनकर, दबौली के ऋषि कुमार शर्मा उर्फ ऋषभ (ख्भ्), शास्त्रीनगर के अभिषेक कुमार श्रीवास्तव, इलाहाबाद के चंदन गुप्ता उर्फ अनुराग और दीपक कुमार गुप्ता का नाम सामने आया। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए घरों पर दबिश दी, लेकिन वे फरार हो गए।

लगातार दी जा रही थी दबिश

पुलिस धरपकड़ के लिए लगातार दबिश दे रही थी। शनिवार की रात को एसओ को मुखबिर से सूचना मिली कि ऋषि तीन साथियों के साथ भाटिया तिराहे पर खड़ा है। पुलिस ने घेराबन्दी कर चारों को दबोच लिया। एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि चारों ने पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया है। उनका साथी आलोक सोनकर अभी भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।

दूसरे जिलों में बेचते थे गाडि़यां

चारों नटवरलाल काफी शातिर हैं। वे पोल खुलने और पुलिस के डर से दूसरे जिलों में बाइक बेचते थे। वे कस्टमर से सौदा तय करने के बाद बाइक फाइनेंस करवाते थे। इसके बाद वे आरटीओ में सेटिंग कर गाड़ी के पेपर से फाइनेंस कटवा देते थे। उसके नए पेपर में फाइनेंस नहीं चढ़ा होता था। जिसके बाद वे दूसरे व्यक्ति को गाड़ी बेचकर उसे ट्रांसफर करवा देते थे। इन्होंने कई और साथियों का नाम बताया है। जिनकी तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।