अप्रैल में हुई घटना का खुलासा होना अब तक है बाकी

अकेले मई में सामने आ चुकी हैं रेप की नौ घटनाएं

इलाहाबाद-बांदा हाईवे के किनारे घूरपुर में हुई घटना इकलौती नहीं है जिसमें महिला के साथ दरिंदगी की गई। पिछले महीने इलाहाबाद लखनऊ मार्ग पर स्थित जूड़ापुर गांव में भी एक युवती से गैंगरेप के बाद परिवार के चार सदस्यों को मौत के घाट उतार देने का मामला सामने आ चुका है। नवाबगंज थाना क्षेत्र में पड़ने वाले इस गांव में हुई घटना का खुलासा भी आज तक नहीं हुआ है। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ उन लोगों को जेल भेजकर कोरम पूरा कर लिया जिनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस घटना के बाद परिवार में शेष बचे भाई-बहन अब भी प्रशासन के कैदी बनकर रह रहे हैं।

25 मई को नैनी सपा नेता के खिलाफ एक महिला ने नौकरी का झांसा देकर दुराचार करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया

24 मई की रात मेजा में बारात से लौट रही एक महिला के साथ दरिंदो ने किया गैंग रेप

18 मई को नैनी के एक इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ने वाली एमटेक की छात्रा के साथ एक दुकानदार पर नशीला पदार्थ खिलाकर रेप

17 मई को घूरपुर में युवती ने शादी का झांसा देकर रेप करने का मुकदमा दर्ज कराया

16 मई को जार्जटाउन एरिया में एक महिला ने इफ्को के रिटायर्ड कर्मचारी पर बेटे को नौकरी देने के नाम पर रेप करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया

12 मई को मेजा के बरवा गांव में किशोरी को अगवा करके गैंग रेप

11 मई को कोतवाली में 11 साल की किशोरी के साथ रेप

6 मई को खुल्दाबाद के चकिया में सात की मासूम के साथ रेप

30 अप्रैल को कौधियारा में किशोरी के साथ दुष्कर्म

योगी के काम संभालने के बाद महिलाओं से अपराध में कमी आई है। लेकिन उन्हें शत प्रतिशत सुरक्षा की जरूरत है। इस तरह की घटना एक महिला या बच्ची के साथ होती है और असर पूरे परिवार और समाज पर पड़ता है।

कृष्णा मिश्रा

हम अपने को चाहे जितना कठोर बना लें लेकिन आसपास के लोगों और समाज से मिलने वाले रिस्पांस से डर का माहौल बन जाता है। घटना भले ही हाईवे पर हुई हो लेकिन, डर तो शहर तक पहुंच गया है।

वंदना सिंह

आप सोच नहीं सकते कि इस तरह की घटनाएं सुनने के बाद पैरेंट्स पर क्या गुजरती है। घर से निकलने की बात करने पर भी भी उनके चेहरे का भाव बदल जाता है। इस तरह के डर के माहौल में और कितने दिन रहना होगा।

ऋचा खंडेलवाल

अखिलेश राज गया और योगी राज आया तो लगा कि अब तो गुनाहगारों पर लगाम लगेगी। लेकिन, कल जेहर और आज इलाहाबाद में सामने आई घटनाओं ने ऐसा डर भरा है कि बच्चों को घर से बाहर निकलने देने की भी हिम्मत नहीं होती।

अर्पिता