-बीएसए ने दिया जांच का आदेश

GORAKHPUR: बच्चों को सही रास्ते पर चलने की शिक्षा देने वाले गुरुजी खुद ही फर्जीवाड़े में फंस गए। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऑफिस में चल रही काउंसलिंग में ऐसा ही एक फर्जीवाड़े का मामले का खुलासा हुआ। जिसमें सहायक अध्यापक बनने का प्रयास कर रहे वीरेंद्र ने अभिलेखों में कई तथ्यों को छिपाया है। शिक्षामित्र के नाम पर फर्जीवाड़ी करते हुए वीरेंद्र ने अपनी पोस्टिंग कैंसिल होने के बाद भी ट्रेनिंग पूरी कर ली। यहीं फर्जी तरीके से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वह काउंसलिंग के लिए बीएसए ऑफिस भी पहुंच गया। काउंसलिंग में डॉक्यूमेंट की जांच-पड़ताल करने पर मामले का खुलासा हुआ। उक्त मामले की जानकारी होने पर बीएसए ने जांच बैठा दी है। बीएसए ने कहा कि मामला गंभीर है। दोष सिद्ध होने पर इसके खिलाफ सक्त कार्रवाई की जाएगी।

फर्जीवाड़े में अब तक पकड़े जा चुके हैं चार शिक्षामित्र

बीएसए ऑफिस में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के लिए शिक्षामित्रों की दूसरी काउंसलिंग चल रही है। फ्राइडे को काउंसलिंग के लिए आए कैंडिडेट्स के डॉक्यूमेंट चेक हो रहे थे। तभी अचानक काउंसलिंग के लिए आए वीरेंद्र के डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी मिली। जांच करने में पता चला कि उसकी तैनाती किसी स्कूल में नहीं हुई थी। इसके बावजूद उसने ट्रेनिंग पूरी कर ली। यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया? इससे सभी अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में डॉक्यूमेंट की जांच शुरू हुई। ख्00म् में वीरेंद्र का सेलेक्शन कैंपियरगंज स्थित प्राइमरी स्कूल में हुआ था। मगर उसके सेलेक्शन पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी। मामले की जांच के बाद डीएम ने वीरेंद्र का आवेदन कैंसिल कर दिया। इसके बावजूद वीरेंद्र ने तथ्यों को छिपाते हुए जंगल कौडि़या में शिक्षामित्र की ट्रेनिंग पूरी कर ली। इससे पहले भी काउंसलिंग के दौरान चार शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।

वर्जन-

काउंसलिंग के दौरान वीरेंद्र के डॉक्यूमेंट में गड़बड़ी मिली है। उक्त मामले की जांच कराई जा रही है। दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी।

कमलाकर पांडेय, बीएसए