- टूरिस्ट वीजा पर आया था घूमने, वीजा एक्सपायर होने पर बनवा लिया इंडियन आधार कार्ड

- एक डॉक्टर ने दी बांग्लादेशी को शरण, फर्जी दस्तावेज बनवाए, पुलिस ने डॉक्टर को भी दबोचा

- अपने क्लीनिक में कंपाउंडर की नौकरी दी थी डॉक्टर ने

देहरादून: बांग्लादेश से टूरिस्ट वीजा पर दून आया एक व्यक्ति का वीजा जब एक्सपायर हो गया तो वह फर्जी आधार कार्ड बनवाकर इंडियन बन गया। सहसपुर पुलिस व एलआईयू की संयुक्त टीम ने भगवानपुर गांव से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे शरण देने वाले को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धाराओं व धोखाधड़ी में मामला दर्ज किया है। दोनों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।

वेरिफिकेशन कैंपेन के दौरान पकड़ा

संडे को एसएसपी निवेदिता कुकरेती द्वारा आगामी आईएमए परेड व दून में वीवीआईपी विजिट को देखते हुए बाहरी व्यक्तियों के वेरिफिकेशन के लिए अभियान चलाने के पुलिस को निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देश पर सहसपुर पुलिस व एलआईयू द्वारा ज्वाइंट वेरिफिकेशन कैंपेन चलाई गई। टीम ने भगवानपुर गांव इस दौरान एक बांग्लादेशी को गिरफ्तार किया। बांग्लादेश निवासी आलोक मुखर्जी (19) से जब वीजा मांगा गया तो वीजा एक्सपायर होने की बात सामने आई। इतना ही नहीं उससे इंडिया का फर्जी आधार कार्ड भी बरामद हुआ।

मकान मालिक भी अरेस्ट

आरोपी सुड्डाग्राम, जिला जसोर बांग्लादेश का निवासी है। जिस घर में बांग्लादेशी रह रहा था उसके मालिक डॉ। मुकुल ग्राम को पुलिस ने अरेस्ट किया है। आरोप है कि मकान मालिक ने ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसका आधारकार्ड बनवाने में मदद की और वीजा एक्सपायर होने के बाद उसे शरण दी।

फर्जी दस्तावेजों पर बनवाया आधार

आरोपी से पूछताछ में सामने आया कि डॉ। मुकुल मजूमदार (52) पुत्र लक्ष्मीकांत मजूमदार मूल निवासी ग्राम नुतनपल्ली, जिला नादिया, वेस्ट बंगाल हाल निवासी भगवानपुर ने विदेशी नागरिक को अपने यहां रखते हुए उसकी सूचना स्थानीय पुलिस व विदेशी पंजीकरण कार्यालय को नहीं दी। पुलिस के अनुसार मकान मालिक मुकुल मजूमदार ने विदेशी नागरिक आलोक मुखर्जी का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनवाया।

अपने क्लीनिक में दी नौकरी

पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विदेशी अधिनियम व धोखाधड़ी की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। थानाध्यक्ष नरेश राठौड़ के अनुसार बांग्लादेशी व्यक्ति 17 अक्टूबर 2017 को बांग्लादेश से 90 दिन के टूरिस्ट वीजा पर वेनापुल से भारत आया। सहारनपुर से डॉ। मुकुल मजूमदार अपने साथ उसे अपने घर ग्राम भगवानपुर लेकर आया और उसको अपने क्लीनिक पर कम्पाउंडर के रूप में नौकरी दी। डॉक्टर मजूमदार ने पुलिस व एलआईयू को भी उसके संबंध में कोई सूचना नहीं दी। एक माह बाद उसने उसके फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड बनवाया, ताकि छानबीन होने पर वह इसे दिखा सके।