- कैंट ब्रांच में पहले भी 3 करोड़ के 36 हाउसिंग लोन रिश्वत लेकर किये गये थे पास

-यूनियन बैंक की 6 में से 3 ब्रांचेज में फर्जीवाड़े के मामले आ चुके हैं सामने

BAREILLY: यूनियन बैंक के कैंट ब्रांच में फर्जीवाड़े की लंबी फेहरिस्त है। ब्रांच में सीबीआई की छापेमारी के बाद एक-एक कर पुराने मामले भी सामने आ रहे हैं। वर्ष 2002 में भी इसी ब्रांच में 3 करोड़ तक का लोन फर्जी ढंग से पास कर दिया गया था। जिसमें बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे डिसमिस कर दिया गया था। अब एक बार फिर से बैंक मैनेजर के रिश्वत मांगने के मामले में सभी बैंक्स में खलबली मची है। सीबीआई ने बैंक मैनेजर को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। जल्द ही बैंक मैनेजर को डिसमिस कर दिया जाएगा। मैनेजर की बैंक में भी ऑफिशियल जांच चल रही है।

लिमिट से ज्यादा के लोन किए पास

बता दें कि वर्ष 2002 में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर अनिल अग्रवाल ने पैसे लेकर पीलीभीत बाईपास स्थित मां वैष्णो कॉलोनी के 36 हाउसिंग लोन पास किये थे। 3 करोड़ का लोन फर्जी नाम और बैनामे पर जारी किया गया था। कैंट ब्रांच के अलावा यूनियन बैंक के और भी कई ब्रांच में रिश्वत लेकर लोन पास किये जाने का मामला सामने आ चुका है। शहर में यूनियन बैंक की 6 ब्रांच हैं। कैंट के अलावा बदायूं रोड और सिविल लाइंस स्थिति मेन ब्रांच के मैनेजर की भी गर्दन फंस चुकी है। बदायूं रोड ब्रांच की मैनेजर पल्लवी अग्रवाल ने अपने विवेकाधिकार क्षेत्र से अधिक केसीसी लोन पास किये थे। बैंक के विशेष ऑडिट में ब्रांच मैनेजर की गड़बड़ी पकड़ी गई। इस मामले में भी फर्जी ढंग से 3 करोड़ के लोन किये गये थे। जिसकी एफआईआर सुभाषनगर थाने में दर्ज भी हुई थी। वहीं जून 2016 में सिविल लाइंस ब्रांच के मैनेजर फूल सिंह ने भी ट्रैक्टर लोन में खेल किया था। कोतवाली में इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।

बाकी ब्रांच भी संदेह के घेरे में

जिस तरह से यूनियन बैंक के विभिन्न ब्रांच में गड़बडि़यां पकड़ी जा रही हैं, वह बाकी ब्रांच को भी संदेह के घेरे में खड़ा करती हैं। एक तरफ जहां सरकार बैंक से लोन लेकर रोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। वहीं बैंक अधिकारी इसमें अडं़गा पैदा कर रहे हैं। यूनियन बैंक के विभिन्न ब्रांच के अलावा नोट बंदी के दौरान एसबीआई मेन ब्रांच में भी सीबीआई ने छापेमारी करके कई खामियां पकड़ी थी।

बरेली कैंट ब्रांच के मैनेजर के खिलाफ जांच चल रही है। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आईपी यादव, डीजीएम, यूनियन बैंक

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पड़ोसी से रिश्वत लेना पड़ा महंगा

यूनियन बैंक की कैंट ब्रांच के मैनेजर जियायुद्ीन को पड़ोसी से रिश्वत मांगना भारी पड़ गया है। यूनियन बैंक के ठीक सामने उज्ज्वल कॉम्प्लेक्स बीआई बाजार में महेंद्र सरन रहते हैं। महेंद्र सरन ने 11 अगस्त को ईमेल से सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत भेजी थी। जिसमें उन्होंने शिकायत की थी कि उन्होंने यूनियन बैंक में 20 लाख के होमलोन के लिए अप्लाई किया था। मैनेजर ने उन्हें 19 लाख के लोन का डिमांड ड्राफ्ट भी बनाकर दिया था, लेकिन एक लाख रुपए मेंटीनेंस में दिखाकर जारी करने के लिए कहा था। उसके बाद मैनेजर ने कहा कि एक लाख रुपए तभी अकाउंट में भेजे जाएंगे जब वह 40 हजार रुपए कमीशन के देंगे। इस शिकायत की सब इंस्पेक्टर संतोष कुमार के द्वारा जांच की गई, जिसके बाद बैंक में छापा मारकर मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। लखनऊ में 15 अगस्त को मैनेजर के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई। बरेली में तीन दिन से मैनेजर को सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार करने की खबरों को लेकर कन्फ्यूजन चल रहा था। फ्राइडे को आईजी एसके भगत ने सीबीआई लखनऊ में फोन पर बात की तो पूरा मामला कन्फर्म हो गया।