- प्रदेश भर के आरटीओ ऑफिस के कई अधिकारियों पर पहले भी गिर चुकी है गाज

- अब तक कई मामलों में लंबित चल रहे अधिकारी

LUCKNOW:

एक तरफ परिवहन विभाग आरटीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार को खत्म करने का प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिली भगत से प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। इटावा के आरटीओ ऑफिस में हाल ही में 29 लाख कैश, दो किलो सोना और दस किलो चांदी पकड़े जाने से प्रदेश के सभी आरटीओ ऑफिस में हड़कम्प मच गया है।

आय से अधिक संपत्ति के मामले

चंदौली में एआरटीओ प्रवर्तन रहे आरएस यादव को रियो ओलंपिक के बाद गिरफ्तार किया गया था। इन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। कानपुर में तैनात आरटीओ सुनीता वर्मा के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा। इस समय यह सस्पेंड चल रही हैं। मेरठ में तैनात रही ममता शर्मा के यहां भी छापेमारी की गई। इस समय यह अधिकारी मुख्यालय में अटैच हैं।

चोरी की गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन

अलीगढ़ में तैनात रहे भगवान प्रसाद चोरी की गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन के मामले में जेल पहुंच गए। हरदोई में एआरटीओ प्रशासन रहे भगवान दास ने यहां पर गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन में जम कर खेल किया। आरटीओ और एआरटीओ ही नहीं पीटीओ भी इसमें पीछे नहीं हैं। इटावा में ही विकास अस्थाना को वसूली करते पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह भी इस समय सस्पेंड चल रहे हैं। राजधानी में तैनात एआरटीओ प्रवर्तन एके अस्थाना पर भी 54 हजार रुपए की वसूली का आरोप है।

राजधानी में भी आई कई शिकायतें

राजधानी का आरटीओ ऑफिस भी भ्रष्टाचार के मामले में पीछे नहीं है। यहां के कुछ अधिकारी, आरआई और बाबू दलाल की मिली भगत से भ्रष्टाचार का खेल करते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर कई अधिकारियों की शिकायत आय से अधिक के मामले में हुई है। इनमें आरआई और बाबू भी शामिल हैं। यहां कुछ दिनों पूर्व छापेमारी कर एक दलाल को गिरफ्तार किया गया। दलाल एक कर्मचारी की जगह बैठा काम कर रहा था। ऑफिस में तैनाती पर भी विवाद हो चुका है। एक महिला अधिकारी (एआरटीओ) और परिवहन आयुक्त के बीच कहासुनी भी हो चुकी है।

लाइसेंस और वाहन संबंधी सभी कार्यो को ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे आरटीओ ऑफिस आने वाले आवेदकों और अधिकारियों की मुलाकात ही ना हो। सभी कार्य ऑनलाइन हों। गाड़ी की फिटनेस और ड्राइविंग टेस्ट के लिए ही लोगों को वहां पहुंचना होगा।

पी गुरु प्रसाद, परिवहन आयुक्त

यूपी परिवहन विभाग