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AGRA (30 Dec.): बंद सिम नंबर और ई-वॉलेट के जरिए प?िलक को चूना लगाने का खेल चल रहा है। कैशलेस ट्रांजेक्शन के बाद ये आशंकाएं और प्रबल हो गई हैं। साइबर सेल में ऐसे कुछ मामले आए हैं, जिसमें सिम स्वाइप कर पेटीएम वॉलेट और अकाउंट खाली करने जैसे केस हैं। हालांकि साइबर टीम ने हाल ही में एक पीडि़त का सारा रुपया वापस कराया है।

नेटवर्क के साथ उड़ा मनी

दरअसल, 19 दिसंबर को सदर निवासी पपेंद्रा रानी के सिम का नेटवर्क अचानक चला गया। इसी के बाद पेटीएम से दो सौ रुपये निकल गए। उनकी समझ में कुछ नहीं आया कि क्या हुआ। बाद में पता चला कि नया सिम कहीं और एक्टिवेट हो गया। पीडि़ता ने साइबर सेल शिकायत की है। वहीं दूसरे केस के तहत सितंबर में जगदीशपुरा निवासी

बलवीर सिंह के वॉलेट से ऑनलाइन 25 हजार की शॉपिंग कर ली गई। यह शॉपिंग स्नेपडील के माध्यम से की गई। साइबर सेल ने हाल ही में उसका सारा रुपया वापस कराया है।

एक्टिवेट हो रहे बंद सिम

एक सिम कंपनी विशेष में ऐसा चल रहा है। यहां पर बंद सिम एक्टिवेट करने के लिए ज्यादा सिरदर्दी नहीं है। मात्र एक मैसेज करके नंबर मंगवाया जाता है। वह नंबर टाइप करते ही नया सिम एक्टिवेट हो जाता है। शातिर के पास आपके नंबर से जुड़ी सुविधाएं सार्वजनिक हो जाती हैं।

4जी के नाम पर धोखा

कुछ मामले ऐसे भी आए हैं, जिसमें साइबर के शातिर फोन कर बोलते हैं कि आपका सिम 4जी में अपडेट किया जा रहा है। नंबर से जुड़ी सारी जानकारी अपडेट की जाएगी। शातिर एटीएम कार्ड पर लिखे सीवीवी नंबर के अवाला अन्य कोड आदि के बारे में पूछते हैं। 4जी के चक्कर में लोग नंबर बता देते हैं। शातिर नंबर डालते ही शातिर अकाउंट और पेटीएम वॉलेट खाली कर देते हैं।

वीआईपी नंबर का सिम लिया

सदर में एक शातिर ने युवक के वीआईपी नंबर को चोरी कर लिया। शातिर ने 4जी करने की बात कर कॉल किया और पीडि़त से कहा कि एक नंबर आए जिसे बता दें तो जानकारी अपडेट हो जाएगी। नए सिम के एक्टिवेशन का कोड पीडि़त के मोबाइल पर गया और उसका सिम तुरंत बंद हो गया। अब शातिर सिम वापस करने के लिए पांच हजार रुपये की डिमांड कर रहा है।