फ्लैग- शिवरात्रि के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम पर कई वेबसाइट पर मिल रहा है ऑनलाइन प्रसाद

- प्रसाद भेजने वाली वेबसाइट्स का विश्वनाथ मंदिर से नहीं है कोई सरोकार, मंदिर प्रशासन भी अंजान

- बाबा के प्रसाद के साथ भस्म, शिव की प्रतिमा और चांदी की बेलपत्र भेजने के नाम पर चल रही है प्रसाद की बुकिंग

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अब तक लोगों को अलग-अलग ढंग से बेवकूफ बनाकर रुपये ऐंठने वाले ठगों ने धर्म और आस्था के साथ खिलवाड़ कर लोगों को ठगने का गोरखधंधा शुरू कर दिया है। ठगी का ये धंधा किसी और के नहीं बल्कि श्री काशी विश्वनाथ के नाम से चल रहा है। बाबा के नाम पर हो रही इस ठगी के लिए ठगों ने बाबा के ऑनलाइन प्रसाद मुहैया कराने के लिए कई वेबसाइट बना रखी हैं। ये वेबसाइट कौन ऑपरेट कर रहा है और इनका संबध क्या सच में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से है? इस सवाल के साथ जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने धर्म और आस्था के नाम पर हो रही इस ठगी की पड़ताल की तो पता चला कि ये पूरा मामला फेक है क्योंकि मंदिर प्रशासन ने ऑनलाइन प्रसाद सेवा मुहैया कराने की बात से न सिर्फ इंकार किया बल्कि ये तक कहा कि ये वेबसाइट कैसे चल रही हैं ये उनको भी नहीं पता।

बस पैसा डालिये और प्रसाद पाइये

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम पर ऑनलाइन प्रसाद मुहैया कराने के लिए दो नहीं बल्कि आधा दर्जन साइट्स ऑपरेट हो रही हैं। इसके लिए बस आपको गूगल पर जाकर श्री काशी विश्वनाथ ऑनलाइन प्रसाद टाइप करना है। इसके बाद एक के बाद एक कई ऐसी साइट्स खुलकर सामने आयेंगी। जिसमे 251 से लेकर 5100 और 7100 रुपये तक की ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। 251 से लेकर 751 रुपये तक में आपको सिर्फ प्रसाद मिलेगा जबकि इससे ज्यादा रुपये देने पर विश्वनाथ मंदिर में पूजा तक कराने की बात कही जा रही है। बस इसके लिए आपको साइट में बताये गए एकाउंट नंबर में बताये गए रुपये डालने होंगे।

कोई दे रहा लाल पेड़ा, तो कोई कुछ और

ऑनलाइन सेवा के जरिए अलग अलग वेबसाइट्स अलग अलग प्रसाद दे रही हैं। एक साइट पर लाल पेड़ा दिया जा रहा है तो एक पर मिश्री और पंचमेवे के पैकेट संग भस्म और बाबा भोले की स्वर्ण मूर्ति मिल रही है। जबकि एक साइट फोटो और प्रसाद दे रही है। इसके लिए भी कई पैकेट हैं। एक प्रसाद का रेट 151 रुपये है जिसमें 200 ग्राम लाल पेड़ा होगा। दूसरा प्रसाद 400 ग्राम का होगा जिसका रेट 301 रुपये है और तीसरे प्रकार के प्रसाद का दर 501 रुपये है जो आठ सौ ग्राम का होगा। इसी मूल्य में ही शिपिंग का पूरा खर्च भी शामिल किया गया है। दावा है कि ऑर्डर करते वक्त आपको अपना पूरा पता देना होगा और दो दिन में प्रसाद आपके घर पर डिलीवर होगा।

हो रहा है आस्था से खिलवाड़

- ऑनलाइन प्रसाद के नाम पर आधा दर्जन साइट्स चल रही हैं

- साइट्स पर प्रसाद भेजने के लिए खाते में रुपये डालने होंगे

- इसके बाद जो प्रसाद आपको मिलेगा वो बाबा को चढ़ा है कि नहीं ये पता ही नहीं है

- वजह श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ऐसी किसी भी साइट संग मंदिर के टाई-अप की बात से इंकार कर रहा है

पहले मंदिर से थी व्यवस्था लेकिन अब नहीं

- विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से पिछले साल तक ऑनलाइन प्रसाद की व्यवस्था थी

- आई भक्ति संस्था की ओर से ऑनलाइन प्रसाद की बुकिंग लेकर मंदिर प्रशासन डिलिवर कराता था

- 2016 में संस्था संग समझौता खत्म होने के बाद ये सुविधा मंदिर ने बंद कर दी।

- इसके बाद भी कई दूसरी साइट ये काम बेरोक-टोक कर रही हैं।

ये हैं कुछ वेबसाइट

- salebhai.com

- onlineprasad.com

- religiouskart.com

- kamiyasindoor.com

काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से किसी को भी ऑनलाइन प्रसाद भेजने की अब कोई सुविधा नहीं है। यह निजी तौर पर ही कोई कार्य कर रहा है, इससे मंदिर प्रशासन का कोई संबंध नहीं है और अगर ये हो रहा है तो गलत है। ऐसा करने वालों की जांच कर कार्रवाई की जायेगी।

एसएन त्रिपाठी, मुख्य कार्यपालक, काशी विश्वनाथ मंदिर।