- बीआरडी के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में मासूम की मौत के बाद हंगामा

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स की लापरवाही खत्म नहीं हो रही। एक बार फिर यहां के एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उसके इलाज से इनकार करने के कारण एक मासूम की मौत हो गई। बीआरडी के सौ शैया वाले नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में मासूम की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर हेल्थ इंप्लाइज व तीमारदारों की भीड़ लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करवाया। परिजनों ने इस संबंध में थाने में तहरीर दे दी है। पुलिस मामले की जांच में लगी है।

इलाज से मना कर दिया

चिलुआताल एरिया के दुर्गापुर के रहने वाले दुर्गेश यादव की पत्‍‌नी पिंकी देवी प्रेग्नेंट थी। प्रसव पीड़ा के दौरान 17 अप्रैल 2017 को मेडिकल कॉलेज के गायनी लेबर रूम में भर्ती कराया गया। जहां ऑपरेशन से उसने एक बच्चे को जन्म दिया। दुर्गेश का कहना है कि उस दिन बच्चा स्वस्थ था। बुधवार की सुबह 9.30 बजे लेबर रूम में डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की तबीयत खराब है। उसे 100 नंबर वार्ड के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती करवाएं। परिजनों का आरोप है कि जब बच्चे का भर्ती कागज बनवाकर वहां पहुंचे तो डॉक्टर ने बच्चे को ठीक बताते हुए बिना इलाज ही वापस कर दिया। इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर गायनी वार्ड में लौट आए।

और बच्चे ने दम तोड़ा

इसी बीच बच्चे की तबियत और बिगड़ गई। फिर दोबारा पहुंचा तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन जमकर हंगामा करने लगे। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने जानकारी लेते हुए मामले को शांत कराया। परिजन ने पुलिस से बताया कि यदि समय से बच्चे का इलाज हुआ होता तो मेरा बच्चा बच जाता। डॉक्टर की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ है। परिजनों की ओर से गुलरिहा थाने पर तहरीर दे दी गई।

वर्जन

इसकी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हुआ है तो गलत है। शिकायत मिलने पर पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी, बीआरडी

परिजनों की ओर से तहरीर मिल गई है। तहरीर के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

बीबी सिंह, प्रभारी एसओ, गुलरिहा