- निगम प्रशासन में मचा हड़कंप

- खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

आगरा। नगर निगम कार्यालय में दोपहर बाद सिर्फ एक ही चर्चा रही। वह थी नगर निगम के आयुक्त कार्यालय के कुर्की की। इसे लेकर जहां अधिकारियों ने जैसे-तैसे कुर्की स्टाफ को बैरंग लौटाया। वहीं मामले को रफा-दफा करने के प्रयास भी तेज हो गए। इस मामले में कुर्की का आदेश लेकर पहुंचे स्टाफ के साथ ठेकेदार ने निगम आयुक्त को आड़े हाथों लिया। निगम प्रशासन इस मामले को लेकर हाईकोर्ट भी पहुंच चुका है। कोर्ट का मामला होने की वजह से अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

खंगालना शुरू हुई पुरानी फाइलें

सोमवार को दोपहर लगभग 1.45 बजे अमीन और पुलिस बल नगर निगम कार्यालय पहुंचे। वे निगम आयुक्त कार्यालय की कुर्की करने पहुंचे थे। दरअसल नगर निगम ने एक ठेकेदार के दो लाख 14 हजार रुपए वापस नहीं किए थे। इसी मामले पर कोर्ट ने राशि वापसी नहीं करने पर कुर्की का आदेश जारी किया था। इसी फरमान को तामिल करने अमला पहुंचा हुआ था। आयुक्त कार्यालय की कुर्की की बात सुनते ही अधिकारियों के भी होश उड़ गए। उन्होंने अमले को जैसे-तैसे वापस किया। इसके बाद पुरानी फाइलों को खंगलाना शुरू कर दिया। निगम अधिकारियों का कहना है कि मामले को हाईकोर्ट में लगाया जा चुका है। यहां के आदेश के बाद तत्काल फैसला ले लिया जाएगा। राशि वापस करनी होगी, तो वह भी दे दी जाएगी। बहरहाल कोर्ट के मामला होने पर कोई भी अधिकारी अधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

14 साल पुराना मामला

मामला एमजी रोड पार्किग के ठेके का है। ठेका वर्ष 2003-04 में एक ठेकेदार को दिया गया था। ठेकेदार ने नगर निगम में जमानत के तौर पर लगभग 2 लाख 14 हजार रुपए जमा किए थे। ठेकेदार और निगम प्रशासन के बीच कोई विवाद हुआ, तो जमानत राशि जब्त कर ली गई। इसे लेकर ठेकेदार ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिया कि राशि वापस करें, वरना निगम कार्यालय के सामानों कुर्की की जाएगी। कुछ दिनों पहले भी कुर्की के लिए दस्तक दी जा चुकी है।