- जिला अस्पताल में एंबुलेंस से लाया गया था एक्सीडेंट में घायल सिपाही

- एसआईसी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी को भेजा जेल

GORAKHPUR: जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मंगलवार आधी रात को इलाज के लिए पहुंचे एक सिपाही ने जमकर उत्पात मचाया। पहले तो उसने अस्पताल में तोड़फोड़ की और फिर ड्यूटी पर तैनात मेडिकल ऑफिसर को पीट दिया। इसमें एक डॉक्टर और एक कर्मचारी घायल हो गए। घटना के बाद जुटे अस्पताल अधिकारियों व डॉक्टर्स ने कोतवाली थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी सिपाही को जेल भेज दिया। हंगामे के कारण करीब 9 घंटे तक इमरजेंसी में चिकित्सा सुविधा बाधित रही।

सड़क हादसे में हुआ था घायल

मऊ जिले के दोहरीघाट पुलिस स्टेशन पर तैनात सिपाही दुर्गेश पाठक मंगलवार रात नशे की हालत में बाइक से सहजनवा स्थित अपने ससुराल के लिए निकला। इसी बीच सड़क हादसे में घायल हो गया। देर रात करीब 1.30 बजे उसे एंबुलेंस से जिला अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। इस दौरान सिपाही इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ। राकेश कुमार से उलझ गया और अपशब्द कहने लगा। आवाज सुन जब वार्ड ब्वॉय तिजू, अशोक, नवीउल्लाह, विकास और गौरव मौके पर पहुंचे तो सिपाही उनसे भी विवाद करने लगा। डॉक्टरों ने उसे समझाने की कोशिश की तो वह उग्र हो गया और डॉ। राकेश कुमार से हाथापाई की और इमरजेंसी में तोड़फोड़ शुरू कर दी। जिसमें इमरजेंसी के दरवाजे का शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। डॉक्टर ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस और 100 नंबर पर पुलिस कंट्रोल रूम को दी।

डॉक्टर को ले जाने लगे थाने

थोड़ी देर में कोतवाली थाने से एसआई अंजनी कुमार, सिपाही मनोज चौधरी और एक अन्य सिपाही पहुंचे। आरोप है कि वे लोग उल्टा आरोपी सिपाही के पक्ष में ही खड़े हो गए। इससे हंगामा कर रहे सिपाही का मनोबल और बढ़ गया। वह डॉक्टर का कॉलर पकड़ इमरजेंसी से खींचते हुए बाहर लाया। अन्य पुलिसकर्मी भी डॉक्टर को जबरदस्ती थाने ले जाने लगे। वहां मौजूद फार्मासिस्ट व कर्मचारियों ने पुलिस कर्मियों का जोरदार विरोध किया। जिसके बाद वे आरोपी सिपाही को साथ लेकर थाने चले गए।

जेल गया सिपाही

पीडि़त डॉक्टर ने तत्काल इसकी जानकारी एसआईसी व अन्य डॉक्टर्स को दी। एसआईसी ने इसकी सूचना पुलिस के आला अधिकारियों और कोतवाली थाने को दी। सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ कोतवाली और कोतवाली इंस्पेक्टर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ से अनुरोध करते हुए इमरजेंसी सेवा चालू करने के लिए कहा। लेकिन आक्रोशित स्टाफ ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का मांग करते हुए सेवाएं ठप कर दीं। वे तहरीर के साथ कोतवाली थाने पहुंचे। स्टाफ ने बुधवार सुबह ही कोतवाली थाने में डेरा डाल दिया और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। एसआईसी डॉ। आरके गुप्ता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने आरक्षी दुर्गेश पाठक तथा कोतवाली के एसआई अंजनी कुमार, सिपाही मनोज चौधरी व एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपी सिपाही को जेल भेज दिया और अन्य पुलिस कर्मियों की जांच की जा रही है।

घंटों ठप रही इमरजेंसी

पुलिस कर्मियों द्वारा हंगामा किए जाने के कारण जिला अस्पताल की इमरजेंसी रात दो बजे से सुबह करीब 9 बजे तक ठप रही। इस बीच इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई।

कोट

पुलिस कर्मियों व डॉक्टर के विवाद के बाद डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ ने काम बंद कर दिया। जिसकी वजह से इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

- सुनीता शर्मा, चारफाटक

बगल के ही एक तीमारदार ने बताया कि इमरजेंसी में विवाद चल रहा है। चिकित्सकीय सेवाएं ठप कर दी गई है। इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीजों को लौटा दिया जा रहा था।

- शशिभूषण तिवारी, बशारतपुर

वर्जन

डॉक्टर्स ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा न होने पर वह काम ठप कर देंगे। डॉक्टर्स के दबाव में कोतवाली पुलिस ने रात में ही दोषी को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। आगे की कार्रवाई पुलिस को करनी है।

- डॉ। राजकुमार गुप्ता, एसआईसी

आरोपी सिपाही के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, नामजद अन्य पुलिसकर्मियों के भूमिका की जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी। आरोपी सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए एसपी मऊ को पत्र लिखा गया है।

- शलभ माथुर, एसएसपी