- जलकल विभाग में फिर पकड़ में आई दो हजार लीटर की गड़बड़ी

- अकाउंट विभाग ने वापस किया डीजल का बिल

Meerut । नगर निगम में जलकल विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वाहनों में जीपीएस के बावजूद भी डीजल के बिलों में गड़बड़ी करने का खेल चल रहा है, लेकिन इस खेल को लेखा विभाग ने पकड़ लिया है। जिससे जलकल विभाग के डीजल के बिल को लेखा विभाग ने वापस कर दिया।

दो हजार लीटर की गड़बड़ी

इस बार जलकल विभाग ने बिल के माध्यम से गड़बड़ी करने की कोशिश की, लेकिन यह कोशिश बेकार गई। क्योंकि जीपीएस में जितनी डीजल की खपत आ रही थी और जलकल विभाग ने जो बिल भेजा उसमें दो हजार लीटर का अंतर आ रहा था। इस पर जब लेखाधिकारी ने बात पूछी तो अधिकारी व कर्मचारियों से कोई जवाब नहीं बना। इस पर लेखाधिकारी ने बिल को वापस करते हुए सही बिल लाने के निर्देश दिए।

रोजाना 17 लाख का हेरफेर

नगर निगम ने करीब आठ माह पहले निगम के सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया था। क्योंकि डीजल की खपत में गड़बड़ी की शिकायत लगातार आ रही थी। इस पर निगम ने जब जलकल विभाग के वाहनों में जीपीएस लगाया तो 17 लाख रुपये का रोजाना का अंतर आ रहा था।

जीपीएस की गणना और बिल में दो हजार लीटर का अंतर आ रहा था। उस बिल को वापस कर दिया गया है। जलकल विभाग के अधिकारी को सही बिल लाने के निर्देश दिए हैं। जीपीएस लगाने के बाद निगम के डीजल के खर्चे में करीब चालीस प्रतिशत की कमी आई है।

मनोज कुमार त्रिपाठी, लेखाधिकारी नगर निगम