RANCHI : आए दिन जाम की जद्दोजहद से जूझती राजधानी आमलोगों के लिये परेशानी का सबब बनती जा रही है। ट्रैफिक इश्यू पर शहरी विकास की बात करने वाले विभाग और एजेंसियां कागजी दस्तावेजों और पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन से बाहर नहीं आ रहे हैं। शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर आएदिन होने वाले जाम से एक तरफ जहां लाखों रूपये का तेल बरबाद हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोगों की सरदर्दी बढ़ रही है,सो अलग। ये बात भी सच है कि विभागीय स्तर पर डीपीआर- डीपीआर का खेल सालों से चल रहा है, लेकिन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने का काम आज तक जरूरत के हिसाब से नहीं किया गया।

आखिर जाम की वजह क्या है?

लोगों में ट्रैफिक सेंस का अभाव

राजधानी के लोगों में ट्रैफिक सेंस की काफी कमी है। सभी जल्दबाजी में निकलते हैं और रेड सिग्नल को दरकिनार करते हुए अपनी मंजिल की ओर निकल जाते हैं।

सड़कों पर क्षमता से ज्यादा लोड

राजधानी की सड़कों पर क्षमता से कई गुना अधिक लोड है। कई स्थानों पर तो सड़क 12 फीट से ज्यादा चौड़ी नहीं है और कई मोहल्लों से निकलने वाली गलियां जाम का कारण बन जाती हैं।

सिग्नल की स्थिति खराब

राजधानी की मुख्य सड़कों पर, जहां ट्रैफिक का लोड ज्यादा रहता है, करीब एक दर्जन से ज्यादा रेड सिग्नल हैं जिनका मेंटनेस ठीक से नहीं होता है और खराब हो जाते हैं।

लचर ट्रैफिक व्यवस्था

ट्रैफिक पुलिस की संख्या जरूरत से काफी कम है और जो है उस पर कई बार वसूली के चक्कर में जाम लगाने के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही ट्रेनिंग के आभाव में उन्हें जानकारी नहीं है।