-डीआरएम ऑफिस के समीप से चोरी हुई थी, सिविल लाइंस में दर्ज था चोरी का मुकदमा

-शिवकुटी पुलिस ने दी लावारिस बाइक मिलने की सूचना

-आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा, चोर के साथ पुलिस ने 40 हजार में की थी डील

<-डीआरएम ऑफिस के समीप से चोरी हुई थी, सिविल लाइंस में दर्ज था चोरी का मुकदमा

-शिवकुटी पुलिस ने दी लावारिस बाइक मिलने की सूचना

-आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा, चोर के साथ पुलिस ने ब्0 हजार में की थी डील

piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD: इस खेल की मास्टरमाइंड पुलिस है। उसने सेटिंग तो ऐसी की थी कि कुछ पता ही न चले। लेकिन, शिकायतकर्ता भी जिद पर अड़ा रहा। नतीजा हुआ कि पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ गया। अलग बात है कि इसके बाद भी पुलिस ने अपना दामन पाक साफ साबित करने की पूरी कोशिश की। आई नेक्स्ट में छपी खबर ने भी इस मामले में पुलिस को बैकफुट पर जाने पर मजबूर करने में अहम भूमिका निभाई। अब पूरी कहानी पर आते हैं।

पांच जुलाई को हुई थी चोरी

धूमनगंज के रहने वाले अजहरुद्दीन पांच जुलाई को अपने काम से डीआरएम आफिस के पास सिविल लाइंस में आए हुए थे। उन्होंने अपनी पावर बाइक किनारे खड़ी की और कहीं काम से चले गए। लौटने पर पता चला कि बाइक गायब है। इस मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज की था। सिविल लाइंस पुलिस को काफी कोशिश के बाद भी न तो बाइक का पता चला और न ही उसे गायब करने वाले का। एक दिन अजहरुद्दीन को किसी ने बताया कि प्रतापगढ़ पुलिस ने बाइक चोरों के गैंग को पकड़ा है। बरामद बाइकों में उसकी बाइक भी है। इस सूचना पर अजहरुद्दीन वहां पहुंचा तो पता चला कि उसकी बाइक प्रतापगढ़ पुलिस को नहीं मिली है। उससे इलाहाबाद क्राइम ब्रांच से सम्पर्क करने को कहा गया।

ब्0 हजार रुपए में डील का आरोप

प्रतापगढ़ से वापस लौटने के बाद अजहरुद्दीन ने छानबीन की तो उसे कई चौंकाने वाली जानकारी मिली। वह सीधे पुलिस लाइंस क्राइम ब्रांच आफिस पहुंचा। वहां अपनी बाइक खड़ी देखकर उसके होश उड़ गए। उसने क्राइम ब्रांच से अपनी बाइक के बारे में बात की तो वहां के एक अधिकारी ने पेपर लाने को बोला। नेक्स्ट डे अजहरुद्दीन वहां पहुंचा तो न क्राइम ब्रांच वाले मिले और न ही बाइक। इसके बाद उसने फिर से प्रतापगढ़ पुलिस से सम्पर्क किया तो बताया गया कि क्राइम ब्रांच वालों ने एक चोर को पकड़ा था। लेकिन, ब्0 हजार रुपए में उसके साथ डील करके छोड़ दिया। बाइक न मिलने पर अजहरुद्दीन को भी डील होने की बात पर यकीन हो गया।

शुरू हो गई थी जांच

बाइक न मिलने पर अजहरुद्दीन ने इसकी शिकायत एसपी क्राइम से कर दी। एसपी क्राइम ने इसे गंभीरता से लिया और खुद मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। आई नेक्स्ट में 7 अक्टूबर को यह न्यूज पब्लिश होने पर एसपी क्राइम ने भरोसा दिलाया कि जो भी होगा सच सामने जरूर आएगा। कहा कि मामले की जांच की जा रही है। प्रतापगढ़ पुलिस और बाकी लोगों का बयान लिया जा रहा है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन, कार्रवाई होने के पहले ही कहानी में ट्विस्ट आ गया। जिस बाइक चोरी को लेकर क्राइम ब्रांच पर आरोप लगा था वह पुलिस को लावारिस हालत में मिल गई। भुक्तभोगी को बाइक मिलने के बाद उसका काम भी हो गया और यह केस हमेशा के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

लावारिस दाखिल करके शिकायतकर्ता को सूचना

अजहरुद्दीन की बाइक नाटकीय तरीके से तीन दिन पहले शिवकुटी एरिया में लावारिस हालत में मिली। शिवकुटी पुलिस को जानकारी मिली और उसे लावारिस थाने में दाखिल कर दिया। फिर जांच पड़ताल करने के बाद शिवकुटी पुलिस ने अजहरुद्दीन को जानकारी दी। बताया कि आपकी बाइक लावारिस हाल में मिली है। सिविल लाइंस थाने की पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी गई। इसके बाद सिविल लाइंस पुलिस शिवकुटी थाने गई और रिटेन वर्क होने के बाद बाइक अजहरुद्दीन को सौंप दिया।

पैसे के लेन-देन की जांच जारी

इस केस की जांच एसपी क्राइम अरुण पाण्डेय खुद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जांच से पता चला कि शिवकुटी पुलिस को वह बाइक लावारिस मिली थी। जिसे थाने का एक सिपाही चला रहा था। उसने लावारिस में उसे दाखिल नहीं किया था। उस दिन पुलिस लाइंस में क्राइम ब्रांच के आफिस में वह सिपाही पहुंचा था। संयोगवश अजहरुद्दीन भी अपनी बाइक की तलाश में वहां पहुंच गया और बाइक उसे दिख गई। बाद में जब शिवकुटी एसओ बदले गए तो उन्होंने बाइक को लावारिस में दाखिल कर दिया। अभी इस केस में ब्0 हजार रुपए की डील वाली कहानी की जांच चल रही है। पता चला है कि जिस चोर से ब्0 हजार रुपए लिया गया था वह जेल में है। जेल से उसका बयान लिया जाना अभी बाकी है। उसके बाद ही कहानी स्पष्ट हो पाएगी।