-विधायक खजान दास ने अस्पताल का दौरा कर मांगी थी रिपोर्ट

-सीएम से भी की थी अस्पताल में अव्यवस्था की शिकायत

DEHRADUN : पिछले महीने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने गांधी आई हॉस्पिटल की अव्यवस्थाओं को लेकर खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद तुरंत स्थानीय विधायक खजान दास ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया था, और वहां कई कमियां पाई थी। उन्होंने अस्पताल के सीएमएस से रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन, करीब एक महीने बाद भी अभी इस अस्पताल के हालात जस के तस बने हुए हैं। मामले को लेकर उन्होंने सीएम से भी शिकायत की थी।

सीएमएस ने एक दिन बाद ही दी थी रिपोर्ट

गांधी आई हॉस्पिटल के सीएमएस एक दिन बाद ही विधायक खजान दास को रिपोर्ट सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में उन्होंने अस्पताल में व्यवस्थागत कमियों का जिक्र किया था और वे पत्रों और रिमाइंडर्स की कॉपी भी नत्थी की थी, जो उन्होंने अस्पताल की समस्याएं दूर करने के लिए विभिन्न अधिकारियों को समय-समय पर भेजी थी।

नहीं बदले अस्पताल के हाल

विधायक के निरीक्षण करने, नाराजगी जताने, रिपोर्ट मांगने और सीएम को शिकायत करने के बावजूद भी अस्पताल के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। अस्पताल के उसके बाद भी उपकरण तो दूर बैठने के लिए एक कुर्सी तक उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है। अभी भी इस अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को बैठने के लिए मात्र पांच बेंच ही हैं और अस्पताल में ऑपरेशन में जो उपकरण इस्तेमाल किये जा रहे हैं, वे डॉक्टरों के अपने हैं।

डिस्पेंसरी में नाम मात्र की दवाइयां

अस्पताल में एक कमरे में डिस्पेंसरी तो बनाई गई है, लेकिन इसमें नाम मात्र की ही दवाइयां हैं। हालांकि यहां नेत्र रोग विशेषज्ञों के अलावा फिजिशियन, चाइल्ड स्पेशलिस्ट और स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर में रोटेशन वाइज बैठते हैं। यहां डॉक्टरों की लिखी लगभग सभी दवाइयां मरीजों को बाहर से ही खरीदनी पड़ती हैं।

निर्माण कार्य अब भी जारी

अस्पताल में अब तक केवल दो मंजिलों का ही निर्माण कार्य पूरा हुआ है, बाकी मंजिलों पर निर्माण कार्य जारी है, इससे यहां लगातार अव्यवस्था की स्थिति होती है। इस अव्यवस्था के बीच ही यहां मरीजों का इलाज हो रहा है।

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अपने स्तर पर मैं जितना कर सकता हूं कर रहा हूं। हालात तो तभी सुधरेंगे, जब अस्पताल में सभी उपकरण और पूरा स्टाफ आ जाएगा। बार बार लिखा-पढ़ी करने के बाद भी बैठने के लिए बैंच तक नहीं मिल रहे हैं। मैं कई बार पत्र लिख चुका हूं और विधायक जी को भी रिपोर्ट दे चुका हूं।

डॉ। आरसी नागपाल, सीएमएस