स्पेशल न्यूज

- चतुर्थी पर राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र होने से बन रहा स्थिर योग, प्रदान करेगा स्थिरता

- पाताल लोक में है भद्रा का निवास, शुभ कार्यो पर नहीं पड़ेगा कोई विपरीत प्रभाव

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- चतुर्थी पर राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र होने से बन रहा स्थिर योग, प्रदान करेगा स्थिरता

- पाताल लोक में है भद्रा का निवास, शुभ कार्यो पर नहीं पड़ेगा कोई विपरीत प्रभाव

BAREILLY:

BAREILLY:

इस साल गणेश चतुर्थी पर ग्रह और नक्षत्रों का कुछ ऐसा संयोग बन रहा है, जिसमें भगवान गणेश की स्थापना व पूजा अर्चना से जीवन में गतिशीलता आएगी और कृपा बरसेगी। क्योंकि ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक थर्सडे को बन रहे इस संयोग के ही दिन राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र का संयोग है। इसके अलावा स्थिर योग का पड़ना और साथ ही सूर्य का सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करना यह सारे योग विशेष फलदायी रहेंगे, ऐसी संभावना है।

साल भर रहेंगे प्रभावित

ज्योतिषाचार्य पं.नीरज शर्मा ने बताया कि बन रहे विशेष संयोगों में किए गए कार्यो का फल अटल होता है। क्योंकि स्थिर योग होने से विधि विधान से पूजन करने के बाद योग के दौरान किए गए कार्यों का फल अवश्य ही मिलता है। बताया कि भगवान गणेश का जन्म स्वाति नक्षत्र में हुआ था। लेकिन कई वर्षो बाद चतुर्थी पर राहु प्रधान स्वाति नक्षत्र का भी संयोग आया है, जिसे स्थिर योग कहा जाता है। इस योग में की गई पूजा से धन-संपत्ति में वृद्धि और स्थिरता आती है।

भद्रा का नहीं है दुष्प्रभाव

हालांकि, इस दिन दिनभर भद्रा का प्रभाव भी होगा। फिर भी किसी तरह की कोई बाधा नहीं आएगी। थर्सडे को पड़ रही चतुर्थी पर सुबह से रात 9 बजे तक भद्रा है, लेकिन भद्रा का पाताल लोक में वास होने और गणेश पूजा के दिन पड़ने से पूजन में कोई बाधा नहीं है। और न ही गणेश स्थापना से कोई दुष्प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि यह योग अबूझ तिथि का निर्माण करता हैं। बताया कि इस खास दिन पर ही वर्षों बाद भगवान विश्वकर्मा पूजा व गणेश पूजा का एक साथ बनना भी हर दृष्टि से शुभ ही होने की संभावना है।

राशि परिवर्तन करेगा सूर्य

ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक दोपहर क्ख् बजकर क्9 मिनट पर सूर्य अपनी वर्तमान सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है। यह स्थिति हर लिहाज से बेहतर कही जाएगी क्योंकि गणेश जन्मोत्सव वाले दिन सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन होने से यह युति जातकों के लिए शुभ और कल्याणकारी सिद्ध होगी। बताया कि सूर्य का प्रभाव अधिक होने से गणेश प्रतिमा की स्थापना के बाद लाल चंदन से पूजा करें तो धन लाभ समेत परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य बढ़ता है।

स्थापना का शुभ मुहूर्त

वृश्चिक लग्न - सुबह क्0.क्7 बजे से दोपहर क्ख्.फ्ख् बजे तक

कुंभ लग्न - शाम ब्.ख्भ् बजे से म् बजे तक

वृषभ लग्न - रात 9.क्भ् बजे से क्क्.क्फ् बजे तक