स्पेशल न्यूज

- भजनोत्सव, कथामृत और अन्य कार्यक्रमों का श्रद्धालु ले सकेंगे आनंद

- पांडालों में दिखेगी महाराष्ट्र की झलक, वाटरप्रूफ बनाए जाएंगे पांडाल

BAREILLY:

25 अगस्त को गणेश चतुर्थी के अवसर पर गणेश महोत्सव के सेलिब्रेशन के लिए तैयारियां जोर-शोर के साथ शुरू हो गई हैं। लास्ट ईयर की तर्ज पर इस बार भी पांडालों में 'लाल बाग के राजा' की प्रतिमा के विराजमान होगी। जिनके पावन दर्शन के लिए शहर भी आतुर है। आयोजन समितियों के मुताबिक सात दिवसीय आयोजित होने वाले कार्यक्रम की श्रृंखला में हर दिन रंगारंग भजनोत्सव का आयोजन किया जाएगा। शहर में महाराष्ट्र की झलक दिखाने में कोई कसर बाकी न रहे इसका पूरा प्रयास किया जा रहा है।

महाराष्ट्र से आ रही प्रतिमा

आलमगीरगंज की गणेश पूजन समिति मराठा बुलियंस एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष गणेश सावंत ने बताया कि लालबाग के राजा की 7 फीट ऊंची प्रतिमा महाराष्ट्र से रवाना हो चुकी है। कल दोपहर तक प्रतिमा शहर पहुंच जाएगी। 25 सितम्बर को गणेश चतुर्थी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। साथ ही, डेढ़ सौ छोटी प्रतिमाएं भी शहर लाई जा रही हैं। जो अन्य आयोजकों को मुफ्त वितरित की जाएगी। श्री गणेश पूजन समारोह समिति भी लालबाग के राजा की ही तर्ज पर शहर से बनी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। श्री नाथ नगरी जलाभिषेक समिति, श्री शिव शक्ति दुर्गा जी धाम मंदिर में प्रतिमा स्थापना करेंगे।

बैंड की होगी परफार्मेस

मराठा बुलियन एसोसिएशन के संस्थापक अनिल पाटिल ने प्रेसवार्ता में बताया कि डीजे से प्रतिबंध हट गया है। ऐसे में महाराष्ट्र के बैंड के बजाय डीजे का प्रयोग सेलिब्रेशन के दौरान किया जाएगा। जो कि शोभायात्रा में भी शामिल होगा। इसके अलावा शोभायात्रा समेत अन्य कार्यक्रमों में महाराष्ट्र से आने वाले 80 कलाकारों की परफार्मेस होगी। जो भजन संध्या में नृत्य और संगीत के जरिए माहौल को भक्तिमय बनाएंगे। विसर्जन के दिन भी यह टीमें विसर्जन शोभायात्रा में सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बनेंगी। अशोक सक्सेना बब्लू ने बताया कि सांस्कृतिक और धार्मिक प्रोग्राम समेत मटकी फोड़ कार्यक्रम होंगे।

वाटर प्रूफ बनाएंगे पांडाल

श्री शिव शक्ति दुर्गा जी धाम मंदिर में स्थापना के लिए प्रतिमा शहर में तैयार की जा रही है। बारिश के मौसम को देखते हुए पांडाल वाटरप्रूफ बनाया जा रहा है। ताकि बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं और आयोजन में कोई बाधा न आ सके। अमित अरोड़ा ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर के पदाधिकारी निशुल्क प्रतिमा वितरित करेंगे। हर दिन पांडाल में कथा, पूजन और आरती होगी। शहर में करीब 35 बड़े पांडाल और 76 छोटे पांडाल शहर के विभिन्न इलाकों में लगाए जाएंगे। 30 और 31 अगस्त को विसर्जन के दिन शहर के हर मोहल्ले से शोभायात्रा निकलेगी, जिसका हिस्सा हजारों की तादाद में शहरवासी बनेंगे।