- राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की ओर से चलाए गए सफाई अभियान बेअसर

- आचमन लायक भी नहीं रहा घाटों का पानी, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर

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KANPUR। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट के बाद भी सिटी में गंगा घाटों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। कूड़े व गंदगी के ढेर से घाट बजबजाते हुए दिखते हैं। घाटों पर गंदगी साफ कराने के लिए राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने कितने बार अभियान चलाया लेकिन स्थिति जस की तस ही रही। मंगलवार को आई नेक्स्ट ने गंगा घाटों का रियलटी चेक किया तो कुछ ऐसे ही हालात देखने को मिले।

घाटों पर फैली है चारो ओर गंदगी

सिटी के प्रमुख गंगा घाटों पर गंदगी फैली हुई है। मैगजीन घाट पर गंगा में भीषण गंदगी फैली हुई थी। यहां दो छोटे-छोटे नाले गंगा में गिर रहे हैं। पानी के अंदर कपड़े, प्लास्टिक आदि पड़ा हुआ दिख रहा था। घाट पर रहने वालों के मुताबिक, यहां सफाई सिर्फ खास समय पर ही होती है। वहीं परमट स्थित आनंदेश्वर घाट पर भी दुर्दशा का आलम है। यहां तो ये हालत है कि गंगा का पानी काला दिखाई देता है। घाट के किनारे ऐसा लग रहा था कि लोगों ने कूड़ा डंपिंग प्वाइंट बना दिया है। यहां पर कूड़े के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए थे। वहीं खुले नालों से गिरता गंदा पानी यहां भी था।

पानी में तैरता कूड़ा

सरसैया घाट पर पानी में तो कूड़ा तैरता हुआ दिखता है। प्लास्टिक, पॉलिथीन, मरे जानवर, कपड़े व अन्य कूड़ा पानी को गंदा कर रहा है। घाट पर रहने वाले नन्हें ने बताया कि अब तो लोग नहाने के लिए नाव से घाट की दूसरी ओर जाने लगे हैं। पानी यहां पर आचमन योग्य भी नहीं बचा है।