-गंगा से जुड़े विषयों पर होगी चर्चा, 50 शोधपत्र भी पढ़े जाएंगे

PATNA: जल संसाधन विभाग द्वारा ख्भ् और ख्म् फरवरी को गंगा की अविरलता पर पटना में होने वाले सम्मेलन में जर्मनी, नीदरलैंड, बांग्लादेश व नेपाल सहित कई अन्य देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। नदी व जल के क्षेत्र में भारत के ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञों का समूह इस सम्मेलन में अपने अध्ययन के निष्कर्ष पेश करेगा। सम्मेलन के लिए भ्0 शोधपत्र तय हुए हैं। चार उप विषयों पर चर्चा होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे जबकि जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख इंदुभूषण कुमार और आयोजन के मुख्य समन्वयक मुरलीधर सिंह ने गुरुवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की जानकारी दी।

दर्जनों एक्सपर्ट होंगे शामिल

जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि सम्मेलन में गंगा नदी के ऊपर शोध कर रहे संस्थान, वैज्ञानिक, आइआइटी, एनआईटी व अन्य नामी संस्थानों के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। विख्यात पर्यावरणविद पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, जलपुरुष राजेंद्र सिंह, संत बलबीर सिंह सीचेवाल, पर्यावरणविद डॉ वंदना शिवाजी, जयंता बंदोपाध्याय व अर्थशास्त्री डॉ भरत झुनझुनवाला आदि शामिल हो सकते हैं। जिन चार उप विषयों पर इस सम्मेलन में चर्चा होगी उसमें प्रथम गंगा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, हिमालय से निकलने वाली मुख्य नदियों से संबंधित विज्ञान तथा गाद प्रबंधन की आवश्यकता है। चर्चा का दूसरा विषय गंगा की सुरक्षा हेतु योजना, नीति एवं नियमों का कार्यान्वयन, तीसरा विषय फरक्का बराज के कारण इसकी अप स्ट्रीम में निम्न प्रवाह से होने वाला प्रभाव, डेल्टा क्षेत्र का संकुचन व पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रभाव तथा चौथा विषय गंगा नदी पर भारतीय अंतरदेशीय जल मार्ग प्राधिकरण द्वारा नौ परिवहन का पर्यावरण पर प्रभाव है।