गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की राजापुर और ममफोर्डगंज के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर बीस करोड़ का बकाया

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ALLAHABAD: उप्र में बिजली चोरों और दस हजार के छोटे से लेकर लाखों रुपए के बड़े बकाएदारों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। शासन के निर्देश पर इलाहाबाद में कभी भोर में तो कभी देर रात अभियान चलाकर व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद हो रही है लेकिन गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की बिजली सप्लाई बिना भुगतान के चलाई जा रही है। पूर्ववर्ती बसपा व सपा की सरकार रही हो या वर्तमान में भाजपा की सरकार गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के राजापुर और ममफोर्डगंज प्लांट पर बीस करोड़ रुपए का बकाया होने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

शासन को जाता है बिल, दस वर्षो का है बकाया

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के राजापुर स्थित प्लांट पर सबसे ज्यादा 12 करोड़ से अधिक का बकाया है तो ममफोर्डगंज प्लांट पर सात करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। बेली रोड सब स्टेशन के एसडीओ राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्लांट के अधिकारियों द्वारा कितनी यूनिट बिजली खर्च की गई उसका सत्यापित दस्तावेज दिया जाता था। उसके बाद म्योहाल पावर हाउस से बिल जेनरेट करके दोनों प्लांटों को भेजा जाता है। जिसे प्लांट की ओर से भुगतान किए जाने का पत्र भेजा जाता है। करीब दस वर्षो से भुगतान की कोई प्रक्रिया नहीं पूरी की गई है।

उदाहरण एक

ममफोर्डगंज प्लांट : विद्युत नगरीय वितरण खंड म्योहाल की ओर से इस प्लांट में 563 केवीए यानि किलो वोल्ट एम्पीयर का कनेक्शन दिया गया है। इसके सापेक्ष जनवरी महीने में करीब 1884282 रुपए की बिजली की खपत हुई है।

उदाहरण दो

राजापुर प्लांट : विद्युत नगरीय वितरण खंड म्योहाल की ओर से ही इस प्लांट में 850 केवीए का कनेक्शन दिया गया है। प्लांट में जनवरी महीने में 1181571 रुपए की बिजली की खपत हुई है।

महत्वपूर्ण बातें

जनवरी के बिल के अनुसार राजापुर प्लांट के बिल भुगतान की अंतिम तिथि 15 जनवरी और कनेक्शन काटने की अंतिम तिथि 22 जनवरी तक थी।

ममफोर्डगंज प्लांट के बिल जमा करने की अंतिम तिथि 19 जनवरी तो कनेक्शन काटने की तिथि 26 जनवरी अंकित थी।

पावर कारपोरेशन सिर्फ बनाता है बिल

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के दोनों प्लांटों में बकाए को लेकर स्थानीय स्तर पर पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की ओर से कनेक्शन काटने को लेकर कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाता है। बिल जेनरेट करने वाले विद्युत नगरीय वितरण खंड के कर्मचारी उग्रसेन सिंह ने बताया कि हमारे खंड की ओर से सिर्फ यहां का बिल बनाया जाता है। जिसका भुगतान शासन से होता है।