- गंगा में घटते जलस्तर और घाट किनारों बढ़ रही गहराई बन रही है जानलेवा, गंगा स्नान करने पहुंच रहे लोगों की डूबने से जा रही है जान

- दो माह के अंदर में एक दर्जन लोगों की गंगा में डूबने से हुई है मौत

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हर शुभ काम के बाद तुम्हारे दरवाजे बधईया बजती है। मां अपने बच्चों को लेकर तुम्हारे दर पर मत्था टेकवाने आती है लेकिन ये क्या मां, तुम इतनी सख्त क्यों हो गई हो? तुम खुद एक मां हो कर भी तुम दूसरी मां की गोद सूनी कर रही हो? हां, हम जानते हैं कि तुम्हारे साथ हो रहे दु‌र्व्यवहार के कारण तुम नाराज हो। इसलिए हो सकता है कि तुम बलि लेकर अपनी इस नाराजगी को जाहिर कर रही हो। लेकिन ये ठीक नहीं है आप सोच रहे होंगे कि हम यहां किस मां की बात कर रहे हैं जो बच्चों की बलि ले रही है। हम बात कर रहे हैं मां गंगा की। गंगा इन दिनों काफी खतरनाक हो गई है। किसी भी घाट पर स्नान करना मानों खतरे से खाली नहीं रहा है। आज गंगा नहाना मतलब मौत को दावत देना है। ये हम नहीं महज दो माह के दौरान गंगा में डूबकर मरने वालों के आंकड़े बयान कर रहे हैं। गुरुवार की सुबह भी गंगा में एक किशोर की डूबने से मौत हो गई।

गया था मां बाप संग नहाने

गंगा दशहरा के दिन भी मां गंगा ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए एक मासूम की बलि ले ली। घटना आदमपुर थाना क्षेत्र के भैसासुर घाट की है। यहां सोनातालाब के गजबनगर कॉलोनी का रहने वाला सुनील केशरी (16 वर्ष) गंगा दशहरा के मौके पर मां बाप संग गंगा स्नान करने पहुंचा था। इस दौरान गहरे पानी में दोस्तों संग खेलते वक्त गंगा में गोता लगाया तो बाहर ही नहीं निकला। बेटे को बाहर न देखकर मां ने चिल्लाना शुरू किया तो पुलिस और गोताखोरों ने उसे तलाशा। कुछ देर बाद उसको पानी के अंदर से निकालकर परिजन मंडलीय अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दिनों दिनों बढ़ रहा है खतरा

गर्मी आने के बाद हर साल गंगा के जल स्तर में तेजी से घटाव शुरू हो जाता है। गंगा घाटों का साथ छोड़कर दूर होने लगती हैं लेकिन इस साल गंगा का ये बदला रुप जानलेवा बन चुका है। अगर इस दौरान गंगा में डूबकर मरने वालों की संख्या पर गौर करे तो वह दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। मार्च में दो, अप्रैल में तीन और मई में अब तक चार लोगों की जान गंगा में डूबने से जा चुकी है। इसकी वजह नदी विशेषज्ञ गंगा में तेजी से कम हो रहे पानी को मान रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से गंगा का वाटर लेवल कम हुआ है बहाव रुका है, उसके चलते गंगा अपना तट छोड़ती जा रही है। गंगा के दूर होने से घाट खोखले हो रहे हैं। इससे तट पर गहराई बढ़ गयी है।

नहीं रोका तो हो जायेगा नुकसान

- गंगा में घट रहे पानी से बहुत नुकसान हो रहा है

- इससे गंगा के हालात भी बिगड़ रहे हैं और गंगा में प्रदूषण को लेवल भी बढ़ता जा रहा है

- गंगा में पानी कम होने के साथ प्रवाह भी बिल्कुल नहीं है

- वहीं गंगा के सात किमी के दायरे में कछुआ सैंक्चुरी बनने के बाद बालू खनन पर भी रोक लगी है

- इससे बालू का लोड उस पार बढ़ने से गंगा का प्रेशर घाटों पर पड़ रहा है

- इससे घाटों के नीचे कटान होने से घाट खोखले होते जा रहे हैं

- घाटों के खोखला होने से कई जगहों पर सीढि़यां और जमीन धंस गई है

- पानी के कम होने से गंगा के अंदर की जमीन भी धंसने लगी है जिससे कहां कितनी गहराई है समझ पाना मुश्किल है

नोट- जैसा की गंगा बेसिन अथॉरिटी के मेम्बर प्रो बीडी त्रिपाठी ने बताया।

रो रही है मां तो कुछ तो होगा असर

- आस्तिक लोग गंगा के उग्रता की वजह उसके साथ हो रहे दु‌र्व्यवहार को मानते हैं

- सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास का कहना है कि गंगा को लोग मां कहते हैं लेकिन मानते नहीं हैं

- गंगा में डेली टनों कचरा फेंक रहे हैं लोग

- अपने बच्चों की ओर से की जा रही है इस दुर्दशा से मां गंगा परेशान है इसलिए ये हो रहा है

- इसके लिए जरुरी है कि हर कोई मां गंगा के प्रति आस्थावान रहे

- मां गंगा में कचरा कूड़ा फेंकने वालों को रोके और खुद भी इसका पालन करे

- घाट किनारे रहने वाले लोग इस मामले में अच्छी भूमिका निभा सकते हैं

मौत दर मौत

- 28 मई भैसासुर घाट पर गंगा में डूबने से सुनील की मौत

- 18 मई खिड़कियां घाट पर गंगा में डूबने से विक्की गुप्ता की गई जान

- 17 मई आदमपुर के भैंसासुर घाट के पास गंगा में डूबा गौतम चौहान

- 12 मई रामनगर बलुआ घाट पर गंगा में डूबने से अज्ञात अधेड़ की गई जान

- 7 मई कैथी में गंगा में डूबा सुरेन्द्र राम, गई जान

- 2 मई तुलसीघाट पर गंगा में डूबने से युवक ने तोड़ा दम

- 20 अप्रैल राजघाट में पैसा बीनने के दौरान गंगा में डूबा मुकेश सहानी

- 17 अप्रैल दशाश्वमेध में गंगा में डूब रही युवती को बचाया गया

- 15 अप्रैल रविदास घाट पर गंगा में डूबने से युवक की गई जान