-चारबाग के गेस्टहाउस में टेम्पो ड्राइवर व उसके साथियों ने दिया वारदात को अंजाम

-नशीला पदार्थ सुंघाकर किया बेसुध

-पांच घंटे तक बनाए रखा बंधक, महिला थाने में की शिकायत

LUCKNOW: अपनी तहजीब के लिये जानी जाने वाली राजधानी के चेहरे पर एक बार फिर कालिख लग गई। चौक स्थित केजीएमयू में मानसिक रोग का इलाज कराने आई ख्7 वर्षीय महिला को टेम्पो चालक व उसके साथियों ने अगवा कर लिया। नशीला पदार्थ सुंघाकर बेसुध करने के बाद बदमाशों ने उसे चारबाग के गेस्टहाउस में बंधक बना लिया और उसके संग बारी-बारी से गैंगरेप किया। होश आने पर महिला को दरिंदों ने फिर से टेम्पो में बिठाकर रास्ते में ही छोड़ दिया। किसी तरह अपने घर वापस पहुंची पीडि़ता ने शनिवार दोपहर महिला थाने में पति के संग पहुंचकर पूरी घटना की शिकायत की। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

बेटे की तबियत खराब देख हो गई थी मानसिक रोगी

सरोजनीनगर में चिल्लावां निवासी ख्7 वर्षीया महिला आशा (बदला नाम)का पति रघुवीर (बदला नाम) मजदूरी करता है। उसके दो बेटे व एक बेटी है। रघुवीर के मुताबिक, करीब चार साल पहले उनके बड़े बेटे की अचानक तबियत खराब हो गई थी। उस वक्त बेटे का इलाज करा रहे डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया। बेटे की यह हालत देख आशा विक्षिप्त हो गई। इसी के बाद से आशा का केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में इलाज चल रहा है। जिसके लिये वह तय समय पर चेकअप के लिये वहां जाती है।

हॉस्पिटल के सामने से किया था अगवा

आशा के मुताबिक, बीते गुरुवार को वह सुबह क्क् बजे केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में चेकअप कराने पहुंची थी। दोपहर करीब ख् बजे नंबर आने पर उसका चेकअप हुआ और डॉक्टर से दवा लिखवाकर वह हॉस्पिटल के बाहर निकली। वापस लौटने के लिये वह हॉस्पिटल गेट पर टेम्पो का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान वहां एक टेम्पो आकर रुका। आशा के मुताबिक, उस टेम्पो में ड्राइवर के अलावा एक अन्य युवक भी सवार था। आशा ने नादरगंज चलने के बारे में पूछा तो ड्राइवर ने हामी भरकर उसे टेम्पो में बिठा लिया। पिछली सीट पर बैठे युवक ने टेम्पो चलते ही उससे बातचीत शुरू कर दी। अंजाम से अनजान आशा ने युवक को अपने इलाज के बारे में बता दिया।

रास्ते से सवार हुए दोस्त

आशा के खुद को मानसिक रोगी बताने पर टेम्पो ड्राइवर और पीछे बैठे उसके साथी की नीयत डोल गई। जिसके बाद ड्राइवर ने फोन कर अपने दोस्तों को भी रास्ते में ही बुला लिया। बीच रास्ते में उसके दो दोस्त भी वहां पहुंच गए और टेम्पो पर सवार हो गए। टेम्पो पर सवार होते ही दोनों युवकों ने आशा को झांसा दिया कि वह अगर उसके रुमाल को सूंघ ले तो उसकी मानसिक बीमारी बिलकुल ठीक हो जाएगी। आशा के मुताबिक, झांसे मे आते हुए उसने युवकों का रुमाल सूंघ लिया। जिसके बाद वह बेसुध हो गई। आशा ने बताया कि उसे महज इतना याद है कि वे युवक उसे चारबाग रेलवे स्टेशन के करीब स्थित एक गेस्टहाउस ले गए। पर, वहां पहुंचते ही वह पूरी तरह बेहोश हो गई।

होश आया तो खुद को बंधक बना पाया

आशा ने बताया कि जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक छोटे से कमरे में पाया। उसके दोनों हाथ रस्सी से बंधे हुए थे और शरीर पर कपडे़ नहीं थे। उसने बताया कि कमरे में टेम्पो का ड्राइवर और उसके तीनों साथी शराब पी रहे थे। आशा के मुताबिक, उसने बचने के लिये शोर मचाया लेकिन उन युवकों ने उसे जान से मारने की धमकी देकर शांत करा दिया। इसके बाद उन युवकों ने उसके संग बारी-बारी से रेप किया। आशा ने बताया कि जब वह उन युवकों की हरकत का विरोध करती तो युवक उसे बेरहमी से पीटते भी थे। कई घंटे बाद उन युवकों ने उसे फिर से टेम्पो में बिठाया और उसे चारबाग से कुछ दूर ले जाकर रोड पर ही छोड़ दिया।

सरोजनीनगर पुलिस ने टरकाया

आशा ने बताया कि वह किसी तरह अपने घर पहुंची और पति रघुवीर को आपबीती सुनाई। उसकी आपबीती सुन रघुवीर आशा को लेकर सरोजनीनगर थाने पहुंचा लेकिन, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे वहां से टरका कर भगा दिया। आखिरकार शनिवार दोपहर आशा महिला थाने पहुंची और इंस्पेक्टर महिला थाना कनकलता दुबे को आपबीती सुनाई। इंस्पेक्टर दुबे ने महिला को लेकर नाका व चारबाग के कई होटलों में जांच की पर, आशा किसी भी होटल को पहचान न सकी।