- महाराष्ट्र का नजारा दिखाने में जुटी गणेश महोत्सव समितियां

- देखने में भारीभरकम, लेकिन वजन में हल्की है प्रतिमाएं

GORAKHPUR : गोरखपुर में इस बार गणेश पूजा के लिए मुबंई से गणपति बप्पा आए हैं। इस बार सिटी में महाराष्ट्र जैसे गणेशोत्सव का नजारा देखने को मिलेगा। इस बार सिटी में छ सौ से ज्यादा गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। हालांकि पुलिस के आकड़ों में इनकी संख्या मात्र 95 ही है। इसमें महानगर एरिया में 78 और ग्रामीण एरिया में 17 प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। तमाम ऐसी प्रतिमाएं हैं जिन्हें अभी तक पंजीकृत नहीं कराया जा सका है।

गोरखपुर आए गणपति बप्पा

गणेश महोत्सव के लिए सिटी में एक विशाल प्रतिमा मुबंई से बनकर आई है। यह प्रतिमा घासीकटरा में स्थापित होगी। पीओपी (प्लास्टर आफ पेरिस) से बनी होने की वजह से वजन में काफी हल्की है। 12 फुट ऊचांई की इस प्रतिमा को दो-चार लोग आसानी से उठा सकते हैं। पीओपी से बनी होने के कारण इस मूर्ति पर पानी का भी कोई असर नहीं होगा।

होगा सजावट का कॉम्प्टीशन

हर साल की तरह इस साल भी कमेटियों के बीच पंडाल और मूर्तियों को लेकर कॉम्प्टीशन होना तय है। घासीकटरा और निजामपुर में लगने वाली गणेश प्रतिमाएं आकर्षण का केंद्र बनती हैं। गणेश महोत्सव की तैयारियों में सिर्फ मूर्तियां ही स्पेशल नहीं, मोदक भी स्पेशल होंगे। घासीकटरा में बप्पा को 551 किलो लड्डू और 51 किलो मोदक का महाभोग लगेगा तो निजामपुर में विशाल भंडारा के साथ 551 किलो लड्डू का भोग लगेगा।

नदी में नहीं होगा विसर्जन

घासीकटरा में इस बार लड्डू और मोदक के साथ प्रसाद में पौधे भी बांटे जाएंगे। समिति के सदस्य पंकज गुप्ता ने बताया कि प्रसाद में पौधा बांटने का उद्देश्य यह है कि पूजा के माध्यम से समाज को स्वच्छ वातावरण का संदेश देना। प्रसाद में मिला पौधा होने की वजह से लोग इसे नष्ट नहीं करेंगे और अपने घरों व आसपास उन्हें लगाएंगे जिससे स्वच्छ वातावरण की ओर कदम बढ़ेंगे। कदम रखने की शुरुआत होगी। पंकज ने बताया कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इस बार प्रतिमा का विसर्जन नदी में नहीं, बल्कि कृत्रिम पोखरे में किया जाएगा।