- बाजार में जेनेरिक दवाओं का सिर्फ 20 फीसदी शेयर

- 80 प्रतिशत बाजार पर ब्रांडेड दवाओं का कब्जा

- जेनेरिक दवाएं न मिलने लोगों को हो रहा नुकसान

Meerut । मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के आदेश को धरातल पर आने में अभी समय लगेगा। दरअसल, जेनेरिक दवाएं ही अभी बाजार से गायब है। जब तक दवा बाजार में नहीं आ जाती है तब तक मरीजों को पुरानी व महंगी दवाओं से काम चलाना पड़ेगा।

थोक मार्केट में भी नहीं है दवा

मेरठ के खैरनगर में दवा का थोक मार्केट है। दुकानदारों की मानें तो अभी जेनेरिक दवाओं के कारोबार को फलने -फूलने में समय लगेगा। बाजार में अभी जेनेरिक दवा 20 फीसदी ही उपलब्ध है। वहीं जो हैं भी, उन्हें दुकानदार देने को तैयार नहीं है। कारण यह है कि इससे पुरानी ब्रांडेड दवाओं का स्टॉक खत्म नहीं होगा। यही कारण है कि एमसीआई के आदेश का पालन होने में अभी समय लगेगा।

20 प्रतिशत कारोबार

बाजार में अभी तक जेनेरिक दवा का कारोबार महज 20 प्रतिशत है। पहले भी जेनरिक दवा होती थी। लेकिन डॉक्टर बहुत कम लिखते थे। यही कारण है ब्रांडेड दवाओ का कारोबार तेजी से फलफूल रहा था। बाजार में अस्सी प्रतिशत कारोबार ब्रांडेड दवाओ ने कब्जा रखा है।

दवा बेचने का प्रलोभन

दवा व्यापार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ब्रांडेड दवा कंपनी के मालिक यूं ही अपनी दवा बाजार में नहीं बेचते हैं। उसके लिए उनको भी अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है। जेब ढीली करने के बाद ही वह करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाते हैं। वह डॉक्टर व स्टॉकिस्ट को तरह-तरह के प्रलोभन देते हैं। उनको विदेशों की टूर, गिफ्ट, स्कीम आदि का प्रलोभन दिया जाता है।

मरीजों की परेशानी

जिला अस्पताल व मेडिकल में डॉक्टर्स ने जेनेरिक दवाओं को लिखना तो शुरू कर दिया है। लेकिन बाजार से अभी जेनरिक दवा गायब हैं। बाजार से दवा गायब होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कारोबार पर पड़ेगा असर

दवा कारोबारियों की मानेंतो इससे दवा कारोबार पर खासा असर पड़ेगा। क्योंकि ब्रांडेड दवाओं के मुकाबले जेनेरिक दवाओ पर मुनाफा न के बराबर मिलता है।

वर्जन

जेनरिक दवाएं पहले से ही जिला अस्पताल में लिखी जा रही है। डॉक्टरों को दवा लिखने के सख्त निर्देश दिए गए है। साथ ही मरीजों को जो दवा लिखी जा रही है उस पर्चे की भी जांच की जा रही है। यदि कोई पर्चा बिना जेनेरिक दवा के पाए गया तो कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। पीके बंसल, एसआईसी जिला अस्पताल

मरीजों को जेनेरिक दवा ही लिखी जा रही है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा है। मेडिकल में डॉक्टर्स भी जेनरिक दवा ही लिख रहे हैं। सभी डॉक्टर्स को जेनेरिक दवा लिखने के सख्त निर्देश दिए हैं।

डॉ। टीवी सिंह, विभागाध्यक्ष मेडिसन विभाग, मेडिकल

जब तक बाजार में नए प्रिंट की दवा नहीं आती है। तब तक यह जेनेरिक दवा की समस्या बनी रहेगी। नए प्रिंट की दवा आने के बाद ही इसका हल होगा।

रजनीश कौशल, महामंत्री, खैरनगर दवा व्यापार एसोसिएशन