- 60 फीसदी मा‌र्क्स होने पर डायरेक्ट एडमिशन

- सीटों के मुकाबले कम आवेदन आने पर लिया गया फैसला

- यूनिवर्सिटी पर था कॉलेजों का दबाव

LUCKNOW :

डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) ने नोटिफिकेशन जारी कर अपने सभी एफिलिएटेड मैनेजमेंट कॉलेजों को सीटें भरने के लिए डायरेक्ट एडमिशन की छूट दे दी है। अब यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट कॉलेजों में चलने वाले एमबीए और एमसीए जैसे कोर्सेस में स्टेट एंट्रेंस एग्जाम एसईई-2017 की बाध्यता स्टूडेंट के एडमिशन में बैरियर नहीं बनेगी।

मिनिमम 60 परसेंट का बैरियर

कॉलेजों को भेजे गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि वह बैचलर और मैनेजमेंट कोर्स में तभी एडमिशन दे सकते हैं जब स्टूडेंट के पास इंटरमीडिएट में मिनिमम 60 प्रतिशत मा‌र्क्स हों। अभी तक एकेटीयू के कॉलेजों में एडमिशन के लिए इंटरमीडिएट में मिनिमम 50 प्रतिशत मा‌र्क्स लाने का नियम था।

एसईई की बाध्यता खत्म

यूनिवर्सिटी ने दूसरे प्रदेशों के स्टूडेंट्स के लिए भी उनके स्टेट में होने वाले टेक्निकल एग्जाम में शामिल होने की बाध्यता को खत्म कर दिया है। इसके लिए यूनिवर्सिटी 15 जून से प्रस्तावित एसईई की काउंसिलिंग के साथ डायरेक्ट एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन लेगी। जो स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में डायरेक्ट एडमिशन लेना चाहते हैं, उनके डाक्यूमेंट्स की जांच कर कॉलेज की खाली सीटें मेरिट के हिसाब से भरी जाएंगी।

दो सालों में कम हुई सीटें

पिछले दो सालों के दौरान यूनिवर्सिटी के संबद्ध कॉलेजों में सीटों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। शैक्षिक सत्र 2015-16 में लगभग 1.92 लाख सीटें थीं। पिछले सत्र 2016-17 में करीब 20 हजार सीट कम की गई और यह संख्या घटकर 1.72 लाख तक पहुंच गई। इस बार सीटें और भी घटकर 1.60 लाख रह गई हैं। विशेषज्ञ इसे बीटेक और एमबीए जैसे कोर्सेज की गिरती गुणवत्ता से जोड़कर देख रहे हैं।

एमबीए का सबसे बुरा हाल

इस बार एसईई में आए सभी कोर्सेस के आवेदनों की कुल संख्या एक लाख म्0 हजार है। एमबीए की कुल ब्,ख्00 सीटें हैं, जिसके लिए दो हजार एप्लीकेशन ही आई हैं। इस कोर्स की आधे से ज्यादा सीटें खाली रहना तय हो गया था। इसके बाद से ही यूनिवर्सिटी पर संबद्ध कॉलेज लगातार दबाव बना रहे थे कि उन्हें डायरेक्ट एडमिशन लेने की छूट दी जाए। अब इस नए आदेश के बाद कॉलेजों को इन सीटोंो भरने का मौका मिला जाएगा।

सीटें भरने के लिए कॉलेजों की तरफ से दबाव था। शासन से मंजूरी मिलने के बाद अब डायरेक्ट एडमिशन लिया जाएगा। यह एडमिशन भी यूनिवर्सिटी अपने स्तर से ही लेगी, ताकि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।

प्रो। विनय कुमार पाठक,

वीसी, एकेटीयू