और ये है आपका  पर्सनल शॉपर. अजीब सी लगने वाली यह बात मुंबई में हकीकत बन चुकी है.

जी हां, यहां उच्च मध्य वर्ग की कामकाजी महिलाओं से लेकर बैचलर नौजवान तक अपने लिए पर्सनल शॉपर या दूसरे शब्दों में कहें तो खरीददारी की सलाह देने वाले पेशेवर लोगों की सेवा ले रहे हैं.

इनकी मदद से वे  शॉपिंग मॉल जाने के झंझट से बच सकते हैं. इतना ही नहीं, पर्सनल शॉपर से फ़ैशन के टिप्स भी मिल जाते हैं.

मुंबई में जहां ग्लैमर की चमक से खुद को दूर रखना बहुत मुश्किल है, वहां बूटीक्स, मॉल्स वगैरह में भी पर्सनल शॉपर्स रखे जाते हैं जो ग्राहक को सही सुझाव देने के लिए तैयार रहते हैं.

मुंबई से चिरंतना भट्ट की खास रिपोर्ट.

छोटा मार्केट

आप शॉपिंग एडवाइज़र से सलाह लेंगे?

जिज्ञासा पेशे से पर्सनल शॉपर या शॉपिंग एडवाइज़र हैं.

मुंबई में छह साल पहले पर्सनल  शॉपिंग फर्म शुरू करने वाली जिज्ञासा पारिख शिंगल का मानना है, "पर्सनल शॉपर आज के जमाने की जरूरत बन चुके हैं लेकिन फिर भी बहुत बड़ी तादाद में ग्राहकों का मिलना मुश्किल हो जाता है."

"ये बहुत छोटी मार्केट है, फिर भी सेलिब्रेटिज़, नौजवान लोग, कामकाजी महिलाएँ, अब इस कॉन्सेप्ट में काफी रुची दिखा रहे हैं. बैचलर लड़के जिन्हें खुद शॉपिंग करना पसंद नहीं, वे भी हमारे पास सलाह लेने के लिए आते हैं."

कई  ईमेज कंसलटेंट फर्म्स भी पर्सनल शॉपर की सेवाएँ दे रहे हैं.

पर्सनल शॉपर की जिम्मेदारियां बताते हुए जिज्ञासा कहती हैं, "ग्राहकों के साथ पहली मीटिंग में हम जानते हैं कि उनका कामकाजी और सामाजिक जीवन कैसा है."

पसंद नापसंद

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वो कहती हैं, "उनकी बॉडी टाइप, उनके पसंदीदा रंग, फ़ैशन को लेकर उनकी पसंद नापसंद वगैरह पर ध्यान दिया जाता है. उनके वॉर्डरोब के लिए अब तक क्या खरीदा गया है, वह भी देखा जाता है. इन सब के मुताबिक उनके लिए शॉपिंग की जाती है. कभी कभी ग्राहक के साथ शॉपिंग होती है तो कभी उनके बगैर."

पर्सनल शॉपर की मदद से अपना पूरा  वॉर्डरोब चेंज कर चुकी राशी मेहता बताती हैं, "जब मैंने पहली बार पर्सनल शॉपर से संपर्क किया था तब मुझे पता चला कि मैंने कई स्टाइल्स या डिजाइन के कपड़े कभी पहनने के बारे में सोचा भी नहीं."

राशी कहती हैं, "मुझे ऐक्सेसरीज पहनना भी पसंद नहीं था लेकिन अब मेरी स्टाइल मेरे प्रोफेशनल सर्कल में बहुत पसंद की जाती है."

क्लाइंट की डिमांड

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पर्सनल शॉपर्स अपने ग्राहकों को महँगे ब्रैंड्स से ले कर मिड रेंज तक के ब्रैंड्स तक के विकल्प देते हैं.

पर्सनल शॉपर का सर्विस चार्ज 5,000 रुपये से शुरू होता है. बैग, जूते, पार्टियों में पहने जाने वाले कपड़ों से लेकर दफ्तर के औपचारिक परिधान तक, शादियों की खरीददारी, मेक ओवर जैसी कई सेवाएँ ये शॉपिंग एडवाइज़र देते हैं.

कई बार क्लाइंट्स हर मौके पर उनको संपर्क करते हैं या फिर कभी किसी खास मौके पर ही इन्हें कंसल्ट किया जाता है.

जिज्ञासा पारिख शिंगल का मानना है, "ग्राहक खुद को कैसा देखना चाहते हैं, ये बात सबसे ज्यादा मायने रखती हैं. ग्राहकों की मांग ही तय करती है कि उनका फैशन कैसा होगा."

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