जीआईसी और जीजीआईसी को आदर्श स्कूल बनाने के लिए शासन खर्च करेगा एक करोड़ रुपए

BAREILLY:

जीआईसी और जीजीआईसी में पढ़ाई अब हाईटेक तरीके से होगी, जहां क्लासेज में साउंड सिस्टम, लाइट्स लगी होंगी। यही नहीं स्टूडेंट्स अब सिर्फ ब्लैक बोर्ड पर ही नहीं बल्कि प्रोजेक्टर के जरिए भी पढ़ाई करेंगे। दोनों स्कूलों आदर्श का दर्जा देने के क्रम में सरकार ने 50-50 लाख रुपए दिया है। जल्द ही, इसे मूर्त रूप दिए जाने का काम भी शुरू हो जाएगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा सुधार

-आधुनिक तकनीक से लैस होंगे दोनों स्कूल, इसके लिए स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर दिया जाएगा विशेष ध्यान।

-स्कूल के ग्राउंड में हरियाली बढ़ाने और स्कूल के फर्नीचर को ठीक करवाने के लिए किया जाएगा काम।

-स्कूलों में आधुनिक तकनीक से पढ़ाई के लिए स्मार्ट क्लास होंगी स्थापित। स्वस्थ वातावरण में पढ़ाई कराने के स्कूल परिसर को बनाया जाएगा क्लीन एंड ग्रीन।

-तकनीक विकास से छात्रों की शिक्षण में वृद्धि और उसके मानसिक व शारीरिक विकास पर दिया जाएगा जोर।

क्या हैं चुनौतियां

जीआईसी शहर के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है, यहां की आधी बिल्डिंग आजादी से पहले की है, ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरत तो इन स्कूल को मरम्मत की है। लगभग यही हालात जीजीआईसी स्कूल की भी है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की मरम्मत और फर्नीचर बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा विशेषज्ञों के अनुसार, स्मार्ट क्लासेस चलाने के लिए क्लास रूम का डिजायन भी आम क्लासेस से अलग होना चाहिए। अब देखना है कि 50 लाख रुपए बजट में ये चीजें जमीनी स्तर पर कितना लागू हो पानी हैं।

क्या है योजना

बरेली समेत प्रदेश के सभी जिलों से चयनित कुल 100 राजकीय स्कूलों को आदर्श स्कूल बनाए जाने की योजना प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित की गई। जिसमें बरेली के गवर्नमेंट इंटर कॉलेज व गवर्नमेंट ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज को आदर्श स्कूल के रुप में डेवेलप किया जाएगा। दोनों स्कूलों को इसके लिए 50-50 लाख रुपए दिए जाने हैं। 'क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल' नामक इस योजना के संबंध में डीआईओएस को दोनों स्कूलों का एस्टीमेट तैयार करके शासन को उपलब्ध कराना है।

मैं, इस संबंध में सीडीओ साहब को लेटर भेजवा रहा हूं, ताकि वे अपने अधिशासी अभियंता से स्कूल का निरीक्षण कराकर योजना के तहत होने वाले निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार कर सकें। इस एस्टीमेट को शासन भेजा जाएगा।

- गजेंद्र कुमार, डीआईओएस