-कार सवार दो युवकों ने अहलादपुर गांव से किया था अपहरण

-पिता का नाम और नम्बर नहीं बताने पर पीटा और दोहरा चंदपुर के पास छोड़कर भागे

>BAREILLY: पुलिस शहर में फुलप्रूफ सिक्योरिटी का दम भर रही है, लेकिन बदमाश पुलिस को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। सैटरडे इज्जतनगर थाना अंतर्गत बड़ा बाईपास पर अहलादपुर चौकी के पास कार सवार बदमाशों ने 10 साल की बच्ची का अपहरण कर लिया। बदमाशों ने कार में बच्ची के पिता का नाम और मोबाइल नंबर पूछा तो वह नहीं बता की। इस पर बदमाशों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी, तो वह रोने लगी। इसके बाद बदमाश उसे दोहरा चौराहा के पास छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान जगह-जगह पुलिस चेकिंग भी की गई, लेकिन कार सवार पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके। दो दिन पहले भी इस तरह से बच्ची के अपहरण की कोशिश की गई थी। बारादारी थाने का निरीक्षण करने पहुंचे डीआईजी आशुतोष कुमार ने बच्ची और उसके परिजनों से पूछताछ की।

किशोरी को फेंककर आरोपी फरार

इज्जतनगर थाना क्षेत्र के अहलादपुर निवासी संतोष की बेटी गुनगुन उर्फ गीता (10) सुबह करीब साढ़े 10 बजे घर से करीब 100 मीटर दूर स्कूल में खेलने गई थी। वहां पर अन्य बच्चों के नहीं होने पर वह वहां से घर लौट रही थी। इसी दौरान हाइवे के पास से एक सफेद रंग की कार सवार दो अज्ञात लोगों ने उसे जबरन कार में खींच लिया और कार दौड़ा दी। कार सवार किडनैपर्स ने बच्ची के मुंह पर कपड़ा बांध दिया। किडनैपर ने उसका नाम, पिता का नाम और मोबाइल नम्बर पूछा। नहीं बताने पर किडनैपर ने बच्ची को दो थप्पड़ मार दिया। जिससे उसका मुंह पर बंधा कपड़ा खुल गया, और बच्ची जोर-जोर से रोने लगी और उसने अपना नाम बता दिया। बच्ची की चीख-पुकार पर किडनैपर ने उसे दोहरा चौराहा के पासचंदपुर घाट पर करीब साढ़े ग्याहर बजे उसे फेंक कर भाग गए।

सफेद कार काे पकड़ो

सड़क पर फेंके जाने के बाद बच्ची रोती हुई एक व्यक्ति के घर पहुंच गई। बच्ची ने अपने पिता का नम्बर और गांव भी बताया। पब्लिक ने बच्ची के पिता को फोन कर जानकारी दी। सूचना मिलते ही बच्ची के पिता मौके पर पहुंचे और डायल 100 को सूचना दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थाने भी सूचना दी। सूचना मिलते ही एसएसपी ने शहर के सभी थाना पुलिस को वायरलेस पर मैसेज दिया कि एक सफेद रंग की कार में लाल शट और काली पैंट पहने युवक है उसे किसी भी में पकड़ो, लेकिन कार पुलिस को नहीं मिली।

एक बच्चा और भी थ्ा कार में

किडनैपर्स के चुंगल से छूटने के बाद पिता के पास पहुंची बच्ची ने बताया कि जिस कार में उसका अपहरण किया गया उस कार में एक बच्चा और भी बोरी में बंद लग रहा था। साथ ही बोरी के ऊपर ब्लड भी लगा था, जिसे देखकर वह और घबरा गई। गांव के मुरारी लाल साहू और श्यामू जाटव का आरोप है कि विगत 11 अप्रैल को उनके बच्चे गांव के पास खेल रहे थे तभी लाल कार में सवार लोगों ने भी उनके बच्चों को भी किडनैप करने की कोशिश की थी, लेकिन वह भाग गए। जिसकी सूचना उन्होंने थाने में नहीं दी थी।

बच्ची के अपहरण की कोशिश की गई थी। चेकिंग अभियान चलाया गया लेकिन कोई हत्थे नहीं चढ़ा है। कंट्रोल रूम को सख्त निर्देश दिए हैं कि चेकिंग के वक्त सिर्फ चेकिंग करायी जाए। बार-बार थाना प्रभारियों की लोकेशन न ली जाए।

आशुतोष कुमार-डीआईजी बरेली