छेड़खानी के विरोध में सड़क पर उतरीं, जमकर हंगामा

- धरना-प्रदर्शन और विरोध के चलते 12 घंटे तक बंद रहा बीएचयू का सिंहद्वार

- सुरक्षित माहौल देने में नाकामी का आरोप लगा कर बीएचयू वीसी मांगा इस्तीफा

- आंदोलन खत्म कराने की सारी कवायद फेल, बौना साबित हुआ प्रशासन

VARANASI

बीएचयू में बीते गुरुवार को एक छात्रा से हुई छेड़खानी की घटना ने पूरे यूनिवर्सिटी की छात्राओं में आक्रोश भर दिया। शुक्रवार को शहर में पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन से पूर्व सुबह बड़ी संख्या में आक्रोशित छात्राएं सड़क पर उतर आई और बीएचयू गेट पर जोरदार धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। सुबह छह बजे शुरू हुआ प्रदर्शन शाम छह बजे तक तकरीबन क्ख् घंटे तक लगातार जारी रहा। प्रदर्शन के दौरान बीएचयू गेट बंद रहा। नारी के शक्ति रूप के आगे बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन से लगायत स्थानीय प्रशासन बौना साबित हुआ। छात्राओं को मनाने की उनकी हर कवायद फेल साबित हुई।

वीसी को बुलाने की थी मांग

त्रिवेणी और वूमेंस कॉलेज हॉस्टल्स की छात्राओं की मांग बीएचयू वीसी को धरना स्थल पर बुलाने की थी। उनका कहना था कि वीसी खुद यहां पर आये और उनके साथ बातचीत करें। पर वीसी ने छात्राओं से मिलना मुनासिब नहीं समझा। डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रो। एमके सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो ओएन सिंह, सांइस इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर प्रो चंदना हालदार सहित तमाम फैकल्टी के डीन्स व डिपार्टमेंट हेड भी लड़कियों को समझाने पहुंचे पर वे टस की मस नहीं हुई और वीसी को बुलाने की मांग पर अड़ी रही। छात्राओं ने आरोप लगाया कि बहुत सी स्टूडेंट्स को हास्टलों में कैद कर दिया गया था। उनका आंदोलन शांत कराने में बीएचयू, पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा।

छेड़खानी से पकड़ लिया तूल

गुरुवार की शाम बीएफए सेकेंड इयर की एक स्टूडेंट विजुअल आ‌र्ट्स फैकल्टी से हॉस्टल की ओर जा रही थी। उसी दौरान भारत कला भवन के पास बदमाशों ने छात्रा के साथ छेड़खानी की। छात्रा के कपड़े भी उतार दिए। घटना से सहमी छात्रा ने मदद की गुहार लगायी पर किसी का ध्यान उस ओर नहीं गया। धरना दे रही छात्राओं का कहना है कि चंद कदम की दूरी पर बैठे सुरक्षाकर्मी सहायता करने के बजाय उल्टे ही उस लड़की से ही सवाल जवाब करने लगे। हद तो तब हो गई जब लड़की द्वारा शिकायत करने पर भी यह कहकर टाल दिया गया कि 'इतनी शाम को तुम्हे बचकर चलना चाहिए'। हॉस्टल पहुंचने पर छात्रा ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी साथी छात्राओं को दी। आक्रोशित छात्राएं रात में ही सड़कर पर आ गयीं। पर रात को वे किसी तरह मान गयी। शुक्रवार की सुबह उन्होंने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया। इसके बाद एकत्रित होकर सभी छात्राएं सिंहद्वार पर पहुंचकर पूरे दिन आंदोलन करती रहीं।

छात्राओं की ये थीं मांगें

- धरना स्थल पर वीसी के न आने पर उन्हें बर्खास्त किया जाए।

- गैरजिम्मेदार चीफ प्रॉक्टर को तत्काल बर्खास्त किया जाए।

- कैम्पस में छात्राओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त किया जाए।

- हर हास्टल, चौराहे और सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए।

-छेड़खानी करने वालों की पहचान कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले.

बॉक्स

छात्रा सिर मुंडवाकर बदल लिया गेटअप

बीएचयू कैंपस में आये दिन छेड़खानी की घटनाओं से त्रस्त होकर आ‌र्ट्स फैकल्टी की एक छात्रा आंकाक्षा गुप्ता ने अपना सिर ही मुंडवाया लिया। खुद को सुरक्षित रखने के लिए वह पिछले एक महीने से लगातार सिर मुंडवा रही है। आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि कैंपस में दिन हो या रात कभी भी छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं होती है। उसने छेड़खानी से बचने के लिए सिर का बाल मुंडवाकर अपना गेटअप बदल लिया। इससे वह अपने आप को काफी हद तक सुरक्षित महसूस करती है। बताया कि सिर में बाल नहीं होने के कारण शोहदे समझ नहीं पाते हैं कि लड़की है या लड़का।

बॉक्स

मरीजों की फजीहत

छात्राओं के आंदोलन के कारण एसएस अस्पताल आने वाले मरीजों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी। उनको नरिया गेट की तरफ से अस्पताल आना-जाना करना पड़ा। इससे गंभीर मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हां, एंबुलेंस को जाने की छूट थी।