भ्रूण हत्या और लावारिस मरने के लिए छोड देना पूरी जिंदगी भेदभाव की घुटन से परे जब भी मां बाप ने इन्हें जीनें और अपनी जमीन तलाशने की आजादी दीं। जब-जब वह समाज की बेडि़यों को तोड़कर बाहर निकली हैं तो सफलता उसके कदम चूमती है। आज हम खुद के जीवन को परिवार और समाज के लिए उदाहरण बना देने वाली ऐसी ही शहर की परियों को आप से मिलवा रहे है

देश को गौरवांबित करने कर रहीं हैं 'बरेली का गौरव'

'बरेली का गौरव' उपाधि से सम्मानित प्रो। रीना का अब तक का जीवन उपलब्धियों से भरा है.1989 में वे रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंड प्रोफेसर के पद पर आई। रीना ने बरेली का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। साल 2009 में इंटरनेशनल प्लूटो अवॉर्ड से इन्हें नवाजा गया। ये अवार्ड इन्हे लीगल फिलॉसफी में इनकी रिसर्च के लिए मिला। वहीं बीते 11 सितंबर को ऑनरेरी डाक्ट्रेट ऑफ लेटरस अवॉर्ड से नवाजी गईं। प्रो। रीना को ये अवार्ड इंटरनेशनल बायोपिक सोसाइटी द्वारा पूरे व‌र्ल्ड में किए गए सर्वे में अपनी जर्नल व एकेडमिक उपलब्धियों में श्रेष्ठता के लिए दिया गया। इसके अलावा इन्हें इनरव्हील क्लब द्वारा इसी साल 'बरेली का गौरव उपाधि' से नवाजा गया है। साथ ही इन्हे बरेली से चार बार 'वूमेन ऑफ द इयर' चुना गया। उनकी पढ़ाई लिखाई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से हुई। बाद में उन्होंने बीए, एलएलबी और एलएलएम किया.वहीं प्रो .रीना को यूजीसी मेरिट स्कॉलरशिप मिली। इसके साथ ही 1986 में ये लॉ में फ‌र्स्ट जेआरएफ होल्डर रहीं। 1989 में रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के लॉ डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर बनीं और 2008 में रीडर के बाद लेक्चरर हो गईं.वर्तमान में ये इंवर्टीस यूनिवर्सिटी में लॉ डिपार्टमेंट की डीन हैं।

शहर को टेस्ट टयूब बेबी का दिया उपहार

बरेली में टेस्ट टयूब बेबी टेक्नोलॉजी का महत्वपूर्ण काम करने वाली डॉ। नीरा अग्रवाल शहर की सफलतम व चर्चित गाइनकोलोजिस्ट हैं। 2003 में इस टेक्नोलाजी से पहला आईबीएफ बच्चा उत्पन्न करने का श्रेय इन्हीं को जाता है। इन्होंने किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन व मास्टर्स किया। इसके बाद बीजीओ व एमएस करने के बाद महिलाओं में होने वाली बांझपन की समस्या की स्पेशलिस्ट बन गई। आज डॉ। नीरा शहर ही नहीं पूरे रुहेलखंड क्षेत्र में इनफर्टीलिटी का सफलतम इलाज करने वाले जाने जाती हैं। जो पैरेंटस बच्चे के सुख से महरुम हैं आज डॉ। नीरा उनके लिए उम्मीद की एक किरण बनी हैं.वे बताती हैं कि

पिता आर्मी में थे, इसलिए अनुशासन भरे माहौल में शिक्षा मिली। दो बहनों और एक भाई में दूसरे नंबर की नीरा हैं।

जोधा अकबर की क्रिएटिव हेड हैं बरेली की पंखुडी

जी टीवी पर प्रसारित हो रहे जोधा अकबर सीरियल के मुरीदों को शायद ही पता हो कि इन सभी किरदारों से अदाकारी करानें का काम अपनी बरेली की ही बेटी कर रही है। यहां हम बात कर रहे हैं जोधा अकबर सीरियल की क्रिएटिव हेड पंखुडी प्रियदर्शनी की। साल 2010 तक बरेली में यस बैंक की रिलेशन मैनेजर पोस्ट पर काम कर रही पंखुडी के अंदर धीरे-धीरे क्रिएटिव फील्ड से जुडे हिडेन टैलेंट ने हिलोरे लेना शुरू किया और अपनी जॉब से रिजाइन देकर ये मुंबई नगरी चलीं गई। चार साल स्ट्रगल के बाद जाकर इस साल इन्हे बालाजी टेलीफिल्म्स के जोधा अकबर सीरियल में पहला बडा बे्रक मिला। आत्मविश्वास के पंख लगाएं पंखुडी अपना अगला टारगेट बालीवुड फिल्म्स के लिए क्रिएटिव वर्क करना चाहती हैं। पंखुडी प्रियदर्शनी साहू गोपीनाथ इंटर कालेज की प्रिंसिपल मीरा प्रियदर्शिनी की बेटी हैं। इन्होंने अपना ग्रेजुएशन व मास्टर्स कामर्स में बरेली कॉलेज से किया। इसके बाद एमबीए की डिग्री लालबहादुर शास्त्री इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट से किया है।