- 35 रुपए प्रति स्क्वायर फीट डेवलपमेंट चार्ज देना होगा

- 55 लाख बढ़ सकते हैं प्रदेश में कनेक्शन

- 35 लाख लगभग घर हैं अविकसित कॉलोनियों में

- 250 से अधिक अविकसित कॉलोनी हैं राजधानी में

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW:

शहरों के करीब बस रहीं अविकसित कॉलोनी वासियों को बिजली विभाग जल्द ही तोहफा देने जा रहा है। अब विभाग इनको बिजली कनेक्शन देगा। हालांकि इसके लिए लोगों को डेवलपमेंट चार्ज के रूप में बड़ी रकम चुकानी होगी। जिसे चुकाने के लिए इस्टॉलमेंट का ऑप्शन भी दिया जाएगा। इससे प्रदेश भर में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। अकेले राजधानी लखनऊ में ही करीब 250 अविकसित कॉलोनी वासियों को इस सुविधा से कनेक्शन लेने में आसानी होगी।

आसान होगी कनेक्शन की प्रक्रिया

यूपीपीसीएल कटिया व अवैध कनेक्शन की बड़ी समस्या से जूझ रहा है। क्योंकि इनमें से बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें कनेक्शन दे पाना आसान नहीं है। फिर भी विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण सभी बिजली यूज करते ही हैं। जिसका बिल बिजली विभाग को नहीं मिल पाता और विभाग लगातार लॉस में बना रहता है। ऐसी समस्याओं से निजात पाने के लिए प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने सभी को कनेक्शन देने की तैयारी की है। जिसके तहत अविकसित कॉलोनियों में भी कनेक्शन दिया जाएगा।

पुरानी कॉलोनियां को भी लाभ

सरकार की नयी योजना के तहत अविकसित कालोनी में रहने वाले लोग 35 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से डेवलपमेंट चार्ज देकर कनेक्शन मिल सकेगा। अधिकारियों के अनुसार यह बिजली कनेक्शन लेने और बिजली यूज करने का वैद्य तरीका होगा। योजना में नयी कॉलोनियों के साथ ही पुरानी कॉलोनियों को भी शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही डेवपलमेंट चार्ज उन उपभोक्ताओं से भी वसूले जाने की तैयारी है, जिन्होंने कर्मचारियों की मिलीभगत से 40 मीटर से अधिक दूरी होने के बावजूद कनेक्शन हासिल कर लिया।

अब तक यह है व्यवस्था

अभी तक के नियम के अनुसार जिन अविकसित कॉलोनी में विद्युत प्रणाली विकसित नहीं है उन्हें नियमत: कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। हालांकि लोग घर बनाने के बाद कर्मचारियों से मिलीभगत कर 100 से 200 मीटर के केबिल बल्ली पर लगाकर कनेक्शन ले लेते हैं। दूरी अधिक होने के बावजूद रिकॉर्ड में वे 40 मीटर के अंदर ही होते हैं। या फिर बिजली चोरी से जलाते हैं।

मिलेगी भारी राहत

निजी डेवलपर्स भी धोखे से जमीन बेच कर भाग जाते हैं और बाद में लोग परेशान होते हैं। जिसके कारण बिना एलडीए या अन्य अथॉरिटी की अनुमति से प्लाटिंग वाली कालोनियों में उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने में बिजली विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं। एक-एक उपभोक्ता को लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं तब जाकर कनेक्शन मिल पाता है। जिससे बिजली विभाग का ही ओवरऑल नुकसान होता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही इस योजना की घोषणा कर सकती है।

बॉक्स

किश्तों में जमा कर सकेंगे बिल

बिजली विभाग के अधिकारियों की माने तो इस योजना के तहत शुल्क अदा करने की सुविधा दी जाएगी। एक हजार वर्ग फीट का प्लॉट खरीदने वाले व्यक्ति को कनेक्शन के लिए डेवलपमेंट चार्ज ही 35,000 देना होगा। लेकिन इस रकम को वह किश्तों में ले सकेगा। जो उसके बिल में हर माह जुड़कर आएगा। विभाग सीमित किश्तों में यह सुविधा देने की तैयारी कर रहा है।

पिछले माह किया था प्रस्ताव

नियामक आयोग में पिछले माह ही एक प्रस्ताव में कहा गया था कि अविकसित कालोनियों में कनेक्शन दिए जाएं तो प्रदेश में 55 लाख उपभोक्ता बढ़ सकते हैं। ये सभी वे उपभोक्ता हैं तो प्रदेश भर में बिजली तो प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन वैध कनेक्शन न होने के कारण उनका बिल बिजली विभाग विभिन्न कारणों से नहीं वसूल पा रहा है। विभागीय अधिकारियों का अनुमान है कि प्रदेश में करीब 35 लाख ऐसे घर हैं जो अविकसित कॉलोनियां में हैं जहां पर विद्युत प्रणाली विकसित नहीं हैं। अब इन सभी में कनेक्शन मिल सकेंगे।

कोट-

प्रपोजल को वित्त विभाग के पास परमीशन के लिए भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगे कार्रवाई की जाएगी।

- विशाल चौहान, एमडी, यूपीपीसीएल