- राजधानी के प्रदूषण जांच केंद्रों में बिना पॉल्यूशन जांचे दिए जा रहे सर्टिफिकेट

- शहर में 2 लाख से अधिक गाडि़यों की आज तक नहीं हुई पॉल्यूशन जांच

LUCKNOW:

राजधानी में वाहन प्रदूषण के इलाज की जिम्मेदारी जिन मशीनों की है वह खुद ही बीमार पड़ी हैं या फिर उनसे वाहनों की जांच ही नहीं की जा रही है। अधिकतर जगहों पर बिना वाहनों के धुएं की जांच किए लोगों को पॉल्यूशन सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं। शहर में बढ़ते एयर पॉल्यूशन का यह भी एक बड़ा कारण है।

सर्टिफिकेट है अनिवार्य

वाहनों से निकलने वाला धुआं, जिसमें हानिकारक तत्व मौजूद रहते हैं, इनकी जांच एक जनवरी 2015 से अनिवार्य की गई थी। वाहन चालकों को पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट रखना जरूरी है। मोटर व्हेकिल एक्ट में प्रावधान है कि इस वाहन चालक के पास यह सर्टिफिकेट नहीं होगा उस पर 100 रुपए से एक हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है।

129 केंद्र बनाए गए

तत्कालीन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के आदेश पर राजधानी में 129 प्रदूषण जांच केंद्र बनाए गए। शुरुआती दौर में तो आए दिन वाहनों की प्रदूषण की जांच की जाती थी। दो पहिया वाहनों के लिए सर्टिफिकेट 20 रुपए और चार पहिया वाहनों के लिए 50 रुपए कीमत निर्धारित की गई थी। साथ आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते भी प्रदूषण चेकिंग का अभियान चला जुर्माना वसूलते थे।

छह माह में एक भी चालान नहीं

राजधानी में वाहनों के पॉल्यूशन की चेकिंग लगभग बंद है। पिछले छह माह में किसी भी वाहन का पॉल्यूशन के नाम पर चालान नहीं किया गया है। प्रवर्तन दस्ते के अधिकारियों के अनुसार कभी उन्हें डग्गामारी, स्कूल वैन, बालू के अवैध खनन को रोकने तो कभी शहर में वीआईपी मूवमेंट की ड्यूटी में लगा दिया जाता है। ऐसे में प्रदूषण चेकिंग के लिए किसी के पास वक्त नहीं है।

68 सेंटर खराब मिले

आरटीओ ने कुछ दिन पहले जब राजधानी में पॉल्यूशन सेंटर प्वाइंट की चेकिंग कराई तो उसमें 68 सेंटर खराब मिले। इनमें से अधिकांश सेंटर से पॉल्यूशन नापने वाली मशीनें ही गायब थीं तो कुछ में स्टॉफ बदल जाने से मशीन का प्रयोग करने वाले कर्मचारी ही नहीं थे।

बीएस 4 वाहनों के लिए मशीन नहीं

राजधानी में बीएस फोर वाहनों से निकलने वाले धुएं की जांच करने वाली मशीनें नहीं हैं। जबकि ऐसे वाहनों की लांचिंग को काफी समय बीत गया है। यहां केवल बीएस-3 वाहनों का ही पॉल्यूशन चेक किया जा सकता है।

बीएस-4 वाहनों का प्रदूषण जांचने वाली मशीनें जल्द आ जाएंगी। जिन जगहों पर मशीनें काम नहीं कर रहीं है, उनकी जिम्मेदारी अन्य लोगों को दी जाएगी। कोशिश होगी कि सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच की सुविधा हो। तकनीकी जानकारी देने के लिए भी जल्द ही कैम्प लगाए जाएंगे। रही बात प्रवर्तन दस्ते की तो अब कहीं भी चेकिंग कर सकते हैं। सभी को टैब दिए गए हैं। चेकिंग करते ही उसकी रिपोर्ट मुख्यालय पहुंच जाएगी।

गंगाफल, अपर परिवहन आयुक्त

सड़क सुरक्षा