- ऑनलाइन की जा रही कंप्लेन को उसी दिन सॉल्व दिखा रहा जीएमसी

-वेबसाइट पर दिखा रहा निस्तारित, हकीकत में प्रॉब्लम जस की तस

GORAKHPUR: केस क्- हड़हवा फाटक के संजय शिलांकुर ने कंप्लेन की थी कि साकेत नगर के एक एरिया में वाटर सप्लाई ठप होने और एक गली में तीन दिन से पाइप फटने के कारण लगातार सड़क पर पानी बह रहा था। उन्होंने 9 अगस्त को जीएमसी में इसकी ऑनलाइन कंप्लेन की थी। जीएमसी की वेबसाइट पर क्म् अगस्त से मामला निस्तारित दिखाया जा रहा है, लेकिन हकीकत में घरों में अभी भी पानी नहीं आ रहा है और दूसरी गली में पानी सड़क पर बह रहा है।

केस ख्- हड़हवा फाटक से तरंग क्रासिंग वाले नाले की सफाई न होने के कारण जाम हो गया था। नाला पॉलीथीन और कूड़े से पट गया था। 9 अगस्त को ही राजेश कुमार ने ऑनलाइन कंप्लेन की। जीएमसी इसमें जरूरत से ज्यादा तेजी दिखाते ही उसी दिन मामले को निस्तारित ऑनलाइन निस्तारित दिखा दिया। जबकि नाला अभी भी जाम है और नाले का गंदा पानी सड़कों पर बजबजा रहा है।

उपर दिए गए दोनों केस यह बताने के लिए काफी किस तरह जीएमसी पब्लिक की प्रॉब्लम को कागजों पर सॉल्व कर दे रहा है। पिछले माह शुरू हुई ऑनलाइन कंप्लेन सिस्टम में निस्तारण की हकीकत को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। ऑनलाइन कंप्लेन के सभी मामले निस्तारित हो रहे हैं, लेकिन हकीकत में कुछ ऐसा नहीं है। शिकायतकर्ता जब निस्तारित न होने का फीडबैक दे रहा है तो उसका कोई जवाब ही नहीं आता है।

9 अगस्त को हुई थी कंप्लेन

9 अगस्त संजय शिलांकुर ने नाला जाम, वाटर सप्लाई ठप और पाइप लाइन फटने की कंप्लेन की थी। उनकी कंप्लेन दर्ज भी हो गई और उनके मोबाइल पर कंप्लेन नंबर (क्ब्09ब्, क्ब्09क्) का मैसेज भी आ गया। उसके बाद क्फ् अगस्त तक कोई जवाब नहीं आया तो संजय ने कंप्लेन सेंटर्स के मोबाइल नंबर पर फोन करके जानकारी ली तो वहां से एक सफाई निरीक्षक का नंबर मिला। उन्होंने बताया कि काम हो गया है। उसके बाद जब वे क्म् अगस्त को जीएमसी की वेबसाइट पर गए तो दोनों मामले निस्तारित दिखा रहे थे।

कुछ इस तरह से आए मामले

टोटल कंप्लेन निस्तारित

ब्क्म् ख्80

विभाग टोटल कंप्लेन निस्तारित

स्वास्थ्य विभाग ख्00 क्ब्8

निर्माण विभाग 80 ब्फ्

जलकल फ्8 ख्7

पथ प्रकाश 7ब् ब्क्

अतिक्रमण क्म् 00

कर विभाग क् 00

अधिकांश मामले निस्तारित किए जा रहे हैं। जिनकी गलत सूचना दी जा रही है, उनको देखकर संबंधित से स्पष्टीकरण की मांग की जाएगी।

राजेश कुमार त्यागी, म्यूनिसिपल कमिश्नर

साकेत नगर कॉलोनी और लोहिया नगर में लिखित कंप्लेन हो या अफसरों से मिलकर कहा जाए कोई सुनने वाला नहीं है। ऑनलाइन कंप्लेन सेवा शुरू हुई तो लगा कि कुछ कार्रवाई होगी, लेकिन सारे दावे खाखले साबित हो रहे हैं।

संजय शिलांकुर, रजीडेंट