RANCHI : इग्नू ही एकमात्र यूनिवर्सिटी है जहां पढ़ाई में उम्र का कोई पड़ाव नहीं है। यहां से जीवनभर पढ़ाई की जा सकती है। बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कांके के वीसी डॉ एमपी पांडेय ने ये बातें कहीं। मौका था इंदिरा गांधी ओपेन यूनिवर्सिटी के ख्7वें कॉन्वोकेशन का। वेडनसडे को दिल्ली समेत समेत देश के सभी रिजनल सेंटर्स पर टेलिक्रांफेंसिंग के जरिए इग्नू का कॉन्वोकेशन हुआ। सेंट जेवियर्स स्कूल डोरंडा के ऑडिटोरियम में रांची रिजनल सेंटर के कॉन्वोकेशन सेरेमनी में चीफ गेस्ट के तौर पर बीएयू के वीसी वीसी डॉ एमपी पांडेय और रिजनल डायरेक्टर शिवा कुमार मौजूद थे।

दो को गोल्ड, भ्फ्फ्भ् को डिग्री

इग्नू के कॉन्वोकेशन में रांची रिजनल सेंटर के भ्फ्फ्भ् स्टूडेंट्स को डिग्री मिली। यहां के दो स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। खास बात है कि इग्नू में टॉप करनेवाली ये दोनों ही ग‌र्ल्स हैं। पम्मी कुमारी बीसीए में इग्नू की टॉपर रही हैं, वहीं सोनी कुमारी ने डिप्लोमा इन नर्सिग एडमिनिस्ट्रेशन में ऑल इंडिया में पहला स्थान प्राप्त किया है। वेडनसडे की दोपहर तीन बजे से शुरू हुए कॉन्वोकेशन में इन दोनों स्टूडेंट्स को चीफ गेस्ट ने गोल्ड मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।

किस स्ट्रीम में कितनों को डिग्री

कोर्स स्टूडेंट्स

बीडीपी 90ब्

मास्टर डिग्री क्800

बीएड भ्ब्भ्

एमबीए ख्00

बीसीए ख्म्फ्

एमसीए क्म्0

डिप्लोमा,पीजी डिप्लोमा क्ब्म्फ्

बनना है सॉफ्टवेयर इंजीनियर

77परसेंट मा‌र्क्स के साथ बीसीए की टॉपर बनी पम्मी कुमारी पटना की रहनेवाली हैं। वह कहती हैं- इग्नू के जो स्टडी मैटेरियल्स होते हैं उसकी क्वालिटी काफी बेहतर होती है। ऐसे में इस स्टडी

मैटेरियल से बीसीए करने में कोई परेशानी नहीं है। वह बताती हैं कि पिता श्रीसैन कुमार और मां सरिता देवी प्रेरणा श्रोत और आशीर्वाद से ये सफलता मिली है। अब एमसीए करना है। इसके बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करने का इरादा है।

रेलवे में जॉब करती हैं सोनी

रेलवे में जॉब कर रही सोनी कुमारी कहती हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। पहले पीएमसीएच से जीएनएम नर्सिग कोर्स किया। इसके बाद डिप्लोमा इन नर्सिग एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स करने के लिए इग्नू में एडमिशन लिया। इस कोर्स के लिए मेरे पास पहले से कोर्स मैटेरियल्स थे और इग्नू के स्टडी मैटेरियल्स ने और अच्छे से पढ़ाई करने में मदद मिली। इसी का नतीजा है कि गोल्ड मेडलिस्ट बनी हूं।

7ख् साल में ली डिग्री

अगर पढ़ने का जुनून हो तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती है। इग्नू के कॉन्वोकेशन में डिग्री लेने पहुंचे

ब्रजमोहन जी पर ये बातें लागू होती हैं। 7ख् साल की उम्र में भी इग्नू से कोर्स करने का उनका सिलसिला जारी है। अबतक क्म् सब्जेक्ट्स में डिग्री ले चुके ब्रजमोहन जी ने दो और कोर्स के लिए इग्नू से रजिस्ट्रेशन कराया है। ख्00ब् में वे सीसीएल धनबाद से रिटायर्ड हुए थे।