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PATNA : फ्भ्0वां प्रकाशपर्व कई मायनों में याद किया जाएगा। एक तरफ जहां देश-विदेश से आए लाखों संगत बिहार की माटी को सलाम कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हर जुबां पर बिहार सरकार और जिला प्रशासन की तारीफ है। यह तारीफ उस समय और बढ़ जाती है जब अपनों से जुदा हुए शख्स को बिहार पुलिस के जवान अथक मेहनत से ढूंढ निकालते हैं और बिछड़े लोगों को एक कर दे रहे हैं। इसी का नतीजा रहा कि फ्क् दिसंबर से ब् जनवरी तक अपनों से जुदा हुए क्क्0भ् लोग फिर एक हो गए हैं।

पहले से तैयार था प्रशासन

गांधी मैदान में बने गुरुद्वारा को मत्था टेकने और दर्शन के लिए फ्क् दिसंबर को खोला गया था। तब से लेकर ब् जनवरी तक पटना समेत देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं। फ् जनवरी को ही यह आंकड़ा क्0 लाख के पार था। पटना डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और पटना पुलिस को इस बात का एहसास था कि भीड़ के दौरान बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग अपनी फैमिली से बिछड़ सकते हैं।

- लंगर हॉल में बिछड़ गया था दिल्ली का नूर

ब् साल का नूर दिल्ली का है। लंगर छकने के लिए मां और मौसी के साथ लाइन में लगा था। भीड़ होने के कारण लंगर हॉल में इंट्री के दौरान ही नूर बिछड़ गया। फैमिली वाले और नूर दोनों एक-दूसरे को खोजते रहे। लेकिन सफलता नहीं मिली। थक हार कर फैमिली वाले हेल्प डेस्क पहुंचे। वहां बताया कि उनका बेटा नूर खो गया है। इसके बाद सिक्योरिटी लाउंज में बने सेंट्रल एनाउंसमेंट सेंटर से एनाउंस किया गया। पुलिस के जवान और वॉलेंटियर खोजने लगे। दो घंटे की मशक्कत के बाद नूर मिल गया।

- शिवम और रणवीर भी मिले

लाखों की भीड़ में पटना के खेमनीचक इलाके का शिवम भी फैमिली से बिछड़ गया था। इसी तरह मध्यप्रदेश के ग्वालियर से आए अधेड़ उम्र के रणवीर सिंह भी अपनी फैमिली से अलग हो गए थे। रणवीर को उनकी फैमिली से मिलाने मे दो घंटे से अधिक का वक्त लगा। दरअसल, दरबार साहिब में मत्था टेकने के लिए रणवीर अलग लाइन में थे और उनकी फैमिली दूसरी लाइन में। इसी कारण से ये जुदा हो गए थे।

- दो शिफ्ट और भ् लोगों की टीम

ऐसे तो गांधी मैदान में कई हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। जहां पर लोग अपनी कंप्लेन लेकर आ रहे हैं। हेल्प डेस्क का एनाउंसमेंट सीमित एरिया तक है। इसलिए सिक्योरिटी लाउंज में एक सेंट्रलाइज एनाउंसमेंट व इंफॉरमेशन सेंटर बनाया गया है। जहां दो शिफ्ट में पांच लोगों की टीम काम कर रही है। सुबह क्0 से रात क्0 की शिफ्ट में सोनी कुमारी और सुधीर कुमार पांडेय की टीम है। जबकि रात क्0 से सुबह क्0 बजे की टीम में बैद्यनाथ, मनीष मनन और रमेश मिश्रा की टीम काम कर रही है।

- इनका है अहम रोल

बिछड़ों को अपनों से मिलवाने में पटना पुलिस के जवान और वॉलेंटियर्स का रोल अहम है। हर एक इंफॉरमेशन पर पूरी तरह से काम कर रहे हैं। फैमिली से बिछड़े लोगों को मिलाने के लिए पूरी शिद्दत से ड्यूटी पूरा कर रहे हैं।

तारीख --------बिछड़े और मिले

फ्क् दिसंबर ख्0

क् जनवरी फ्00

ख् जनवरी 8भ्

फ् जनवरी भ्00

ब् जनवरी ख्00