गूगल मे लोग लोग दान दे देते हैं अपनी छुट्टियां

जनाब हम बात कर रहे हैं दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन यानी गूगल की जहां पर लीव डोनेशन सिस्टम है। लीव डोनेशन सिस्टम में स्टाफ के किसी सदस्य को जरूरत पड़ने अपनी छुटि्टयां दे सकते हैं। गूगल ऐसी पहली कंपनी है जहां ऐसा कोई तरीका अपनाया गया। इंजीनियरों ने अपने एक सहयोगी की मदद के लिए एक बार लीव डोनेट की थी। इसके बाद गूगल ने इसे पॉलिसी बना दिया। गूगल मे पहले साल से लेकर तीसरे साल तक सालाना 15 पेड लीव ही मिलती हैं। चौथे से छठे साल में ये बढ़कर 20 से 25 हो जाती हैं।

ऐसे आया लीव डोनेशन सिस्टम का आइडिया

गूगल के एक इंजीनियर ने बताया कि हमारे एक साथी के पिता तबियत बिगड़ी गई थी। वह छुट्टी पर चले गए। उनकी छुट्टी खत्म होने तक पिता की तबियत  ठीक नहीं हुई। ऐसे में या तो वह अपनी सैलरी कटवा कर छुट्टी पर रहता या बीमार मे पिता को छोड़ काम पर वापस आता। ऐसे मे कुछ साथियों ने अपनी-अपनी पेड लीव में से कुछ छुट्टियां डोनेट करने का आइडिया दिया। जो बहुत ही इनोवेटिव और क्रिएटिव था। जब आइडिया सक्सेसफुल हुआ तो इसे गूगल का वेकेशन डोनेशन सिस्टम बना दिया गया। अब जरूरत के मुताबिक लोग सहकर्मियों को छुट्टियां दान करते रहते हैं।

Weird News inextlive from Odd News Desk

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