'एंड्रॉएड वन' प्रोजेक्ट के पहले तीन फ़ोन हैं - माइक्रोमैक्स कैन्वास ए-1, स्पाइस ड्रीम उनो और कार्बन स्पार्कल.

बीबीसी संवाददाता शिल्पा कण्णन के अनुसार हाई स्पीड प्रोसेसिंग, डुअल सिम कार्ड, एफ़एम रेडियो, एसडी कार्ड मेमोरी और पांच मेगापिक्सल के कैमरे समेत कई एडवांस फ़ीचरों से लैस इन फ़ोन्स की क़ीमतें छह से सात हज़ार के बीच हैं.

उम्मीद की जा रही है कि तीनों स्मार्टफ़ोन सोमवार से ही सहयोगी ई-शॉपिंग वेबसाइटों पर मिलने लगेंगे.

गूगल के एंड्रॉएड प्रमुख सुंदर पिचाई ने कहा, “भारतीय स्मार्टफ़ोन बाज़ार के सामने तीन बड़ी चुनौतियां हैं – हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कनेक्टिविटी. गूगल एंड्रॉएड वन डिवाइसों के सॉफ्टवेयर अपग्रेड और सुरक्षा की गारंटी लेता है.”

भारत में 'एंड्रॉएड वन' पहले

गूगल ने लॉन्च किए सस्ते 'एंड्रॉएड वन' फ़ोन

तेज़ी से बढ़ रहे भारतीय स्मार्टफ़ोन बाज़ार को देखते हुए गूगल ने एंड्रॉएड वन प्रोजेक्ट की शुरुआत भारत से की है.

सुंदर पिचाई के अनुसार जल्द ही एंड्रॉएड वन बांग्लादेश, इंडोनेशिया और फिलिपींस में भी उपलब्ध होगा.

सभी एंड्रॉएड वन फ़ोन के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर स्पेसिफिकेशंस गूगल के तय किए हुए हैं और इन्हें भारतीय मोबाइल फ़ोन कंपनियों ने बनाया है.

एंड्रॉएड वन फ़ोन की सीधी टक्कर ऐसी ही क़ीमतों और फ़ीचर्स वाले मोटो ई और चीनी कंपनी शाओमी के रेडमी एस1 से होगी.

हालांकि एंड्रॉएड वन स्मार्टफ़ोन्स को गूगल की सीधी ब्रांडिंग का फायदा मिल सकता है.

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