हैकर जमा राशि निकाल लेते

हिंदी वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक आज स्मार्टफोन यूजर्स गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। गूगल प्ले स्टोर पर एक से बढकर एक सुविधा जनक ऐप भी मौजूद है। जिसमें बैंकिंग से जुड़े कुछ फर्जी ऐप भी शामिल है। ये ऐप्स लोगों को उनके बैंक व एटीएम से जुड़ी जानकारी देने को दावा करते हैं लेकिन इनसे लोगों के साथ धोखा हो रहा है। बैंकिंग ऐप की मदद से खाते में शेष धनराशि की जानकारी प्राप्त करना मुश्किल हो रहा है। इन ऐप से ग्राहकों के बैंक खाते की पूरी जानकारी हैकर के पास पहुंच जाती है। इसके बाद हैकर आसानी से खाते में जमा राशि निकाल लेते हैं। ऐसे मामले काफी तेजी से सामने आ रहे हैं। हाल ही में नोएडा के अनुमोल गोस्वामी इसके शिकार बने। 27 जुलाई को अनमोल ने गूगल प्ले से एक ऐप डाउनलोड किया और उसमें बैंक की सारी डिटेल भर दी। फिर ऐप के जरिये बैलेंस के लिए मैसेज भेजा। ऐसे में 10 मिनट बाद ही पांच हजार रुपये अकाउंट से निकल गए। इसी तरह नोएडा निवासी नीरज त्रिपाठी के भी 3 हजार रुपये निकल गए। यह सिर्फ इन्ही के साथ नहीं अब तक तमाम लोगों के साथ हो चुका है।

बैंक के ऐप का इस्तेमाल

लोग इन ऐप का इस्तेमाल करने के बाद जब बैंक अकाउंट देखते हैं तो वह पूरी तरह से खाली हो चुका होता है। ऐसे में जब पीड़ित इसकी शिकायत संबंधित बैंक में करते हैं तो पता चलता है कि ये बैंक की ओर से ऐसा कोई ऐप नहीं हैं। ऐसे में निजी तौर पर बनाए गए ये ऐप ऑल इन वन नेट बैंकिंग, एटीएम बैंक बैलेंस चेकर, बैंक बैलेंस इंक्वायरी नंबर, शो माई बैंक बैलेंस और आईएफएससी एंड बैलेंस इंक्वायरी जैसे नामों से हैं। जिनके माध्यम से लोगों के साथ धोखाधड़ी का खेल हो रहा है। वहीं बैंक अधिकारियों का कहना है कि आरबीआई काफी पहले लोगों को इन ऐप का इस्तेमाल न करने की सलाह दे चुकी है। आरबीआई ने कहा था कि अपने अकाउंट से जुड़ी जानकारी के लिए बैंक के असली ऐप का इस्तेमाल करें। वहीं नेट बैंकिंग का पासवर्ड बैंक ही जारी करता है। जिससे लोगों के साथ फ्राड होने की संभावना कम होती है। आरबीआई ने यह भी कहा था कि बैंकिंग से जुड़ा कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी पूरी डिटेल जरूर पढ़े। इसके साथ ही किसी भी ऐप को लॉग-इन होने के बाद लॉग ऑउट करना जरूरी बताया था।

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