- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई मौतों के बाद सपा अध्यक्ष ने योगी को घेरा

- पूछा, किसकी समीक्षा करने गये थे गोरखपुर, ऑक्सीजन की कमी क्यों नहीं पता

- कहा, ट्रेन हादसे में हमने राजनीति करने के बजाय सैंकड़ों लोगों की बचाई थी जान

LUCKNOW : गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 50 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में पूर्व सीएम एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आखिर दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने गोरखपुर जाकर किस बात की समीक्षा की थी। वे तो मरीजों से मिलकर भी आए थे। आखिर उन्हें ऑक्सीजन की कमी की बात क्यों नहीं बताई गयी। अगर अधिकारियों ने उनसे यह जानकारी वास्तव में छिपाई तो वे उन्हें धोखा दे रहे हैं। सच तो यह है कि आंकड़े ही नहीं, घटना को भी छिपाने की कोशिश हो रही है। मजिस्ट्रीरियल जांच क्या होती है, यह सबको भलीभांति पता है। हकीकत यह है कि कमीशनबाजी की वजह से ऑक्सीजन का पेमेंट नहीं हो रहा था।

सरकार को पता है सच्चाई

अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार को सच्चाई पता है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है लेकिन, वह इसे स्वीकार नहीं करना चाहती है। हमें पता चला है कि मृत बच्चों के परिजनों को अस्पताल से छिपाकर बाहर निकाला गया। मरीजों के एडमिशन कार्ड में हेराफेरी की गयी ताकि सच को छिपाया जा सके। जब हमारी सरकार थी तो गोरखपुर में जेई के मरीजों के लिए 200 बेड की अलग यूनिट के अलावा 500 बेड का अस्पताल बनवाया था। वर्तमान सरकार ने वहां मशीनों, स्टाफ का इंतजाम नहीं किया। गोरखपुर में हेल्थ इंफार्मेशन सिस्टम भी है जिसमें हर मरीज का पूरा लेखा-जोखा रहता है। वर्तमान सरकार उसका भुगतान भी नहीं कर रही। हमारे ऊपर तो एक वर्ग की मदद करने का आरोप लगता था लेकिन, हमने हर अस्पताल को संसाधन मुहैया कराए।

गरीबों की मदद करे सरकार

अखिलेश ने कहा कि जिन बच्चों की जानें चली गयी अब वह वापस नहीं आ सकतीं लेकिन राज्य सरकार को उनके घरवालों की मदद करनी चाहिए। सरकार गरीबों की मदद करने के लिए होती है। हमने गरीबों की मदद के लिए कभी सरकारी खजाने में कमी नहीं आने दी। हम विपक्ष में रहकर उनकी आवाज उठा सकते हैं, मदद नहीं कर सकते। ये बच्चे केवल गोरखपुर नहीं, आसपास के जिलों, बिहार और नेपाल तक से आए थे। उन्होंने मृतकों के परिजनों को बीस-बीस लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने की मांग की। साथ ही शिक्षामित्रों के परिजनों को पचास लाख रुपये मुआवजा देने को कहा। वहीं इस मामले में राजनीति किए जाने के आरोप पर कहा कि कानपुर देहात में जब ट्रेन दुर्घटना हुई तो हमारे लोगों ने कहा कि रेलमंत्री का इस्तीफा मांगिए। लेकिन, मैंने उससे पहले राहत कार्यो का इंतजाम किया जिससे सैंकड़ों लोगों की जान बची।

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कमजोर एमएलसी तोड़ रही भाजपा

अखिलेश ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सपा के कमजोर एमएलसी तोड़ रही है। भाजपा की कोशिश है कि सपा कार्यकर्ता अपने घर पर न रह पाए। जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से जिला पंचायत सदस्यों को उठाया जा रहा है। जबरन जिला पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। सरकार के मंत्री जनता के बीच जाना नहीं चाहते हैं। जो मंत्री राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का फर्क नहीं जानते, वे बच्चों से इसे गाने को बोल रहे हैं। दरअसल भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है। वह विपक्ष को खत्म कर देना चाहती है।

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सपा और कांग्रेस नेता पहुंचे गोरखपुर

वहीं दूसरी ओर सपा और कांग्रेस के नेताओं के गोरखपुर जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया जबकि बसपा ने भी इसका ऐलान कर दिया। अखिलेश यादव के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल गोरखपुर जा चुका है तो वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद, प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, संजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने भी बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाकर हालात का जायजा लिया। सपा का प्रतिनिधिमंडल कल अपनी रिपोर्ट अखिलेश को सौंपेगा। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना को लेकर योगी सरकार की निंदा की। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर और बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल को बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाकर जांच करके रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।