कॉमन इंट्रो-

बिजली विभाग में अधिकारियों की अनदेखी के कारण कुछ कर्मचारी मजे में हैं तो कुछ सजा काट रहे हैं। एक तरफ सिटी में फॉल्ट ठीक करने वाले कर्मचारी लोगों की कंप्लेन को अनसुना करने के बाद भी मस्ती में हैं वहीं दूसरी तरफ बिलिंग काउंटर पर 12 घंटे काम करने वाले करीब तीन हजार कर्मचारियों को नाश्ते तक के लाले पड़े हैं।

12 घंटे काम फिर भी नाश्ते के लाले

GORAKHPUR: बिजली विभाग में बिलिंग काउंटर पर काम करने वाले कर्मचारियों को सुबह 9 बजे तक ऑफिस पहुंच जाने का हुक्म है। पुराने नोटों से बिल जमा होने के नियम के कारण उन्हें रात नौ बजे तक ड्यूटी करनी है। लेकिन 12 घंटे तक ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों के लिए चाय नाश्ते तक का इंतजाम विभाग ने नहीं किया है। कर्मचारियों का कहना है कि ड्यूटी से पहले अधिकारियों ने कहा था कि ऑफिस में ही नाश्ते का इंतजाम रहेगा।

लंच देने का था वादा

एक क्लर्क ने बताया कि पुराने नोट बंद होने के बाद नौ नवंबर को रात आठ बजे तक रुकने का आदेश हुआ था। पहला दिन होने के कारण कोई कर्मचारी कुछ नहीं बोला। दूसरे दिन भी लंबी ड्यूटी हुई तो कर्मचारियों ने लंच के लिए कहा। अधिकारियों ने फिर व्यवस्था करोने की बात कही लेकिन उस दिन से लेकर आज तक कभी कुछ नहीं किया।

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कर्मचारियों के लिए नाश्ते का आदेश तो है लेकिन कोई फंड जारी ही नहीं हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों के लिए लंच की व्यवस्था नहीं हो सकती है।

- डीके लाल, एक्सईएन, शास्त्री चौक

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ये नहीं उठाते फोन, कर रहे हैं मौज

GORAKHPUR: बिजली विभाग के जिन अधिकारी-कर्मचारियों पर फॉल्ट दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है, वे फॉल्ट सही करना तो दूर, फोन उठाने में भी आनाकानी कर रहे हैं। फॉल्ट की कंप्लेन करने पर वे कंज्यूमर्स को बैठे-बैठे नियम बताने लग जाते हैं। पहले कहा जाता है कि अपने एरिया के सब स्टेशन पर लिखित कंप्लेन करें। यदि कंज्यूमर्स लिखित कंप्लेन करने भी पहुंच जा रहे हैं तो वहां मौजूद कर्मचारी बिल मांग रहे हैं। इतने पर भी नहीं मानते। बिल लेकर पहुंचने पर कहते हैं डिविजन ऑफिस से लिखवाकर लाइए कि बकाया नहीं है। इन सबके बाद भी कर्मचारी फॉल्ट दूर करने के लिए सहयोग की मांग करने लग जाते हैं।

मिनटों का काम घंटों में

इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने रहने वाले राकेश यादव का परिवार बुधवार की सुबह बूंद-बूंद पानी के लिए तरस तरस गया। परिवार के सदस्य सुबह से ही बिजली विभाग के एसडीओ, जेई और सब स्टेशन पर फोन करके लाइट सही करने के लिए कंप्लेन करते रहे। विभाग के अधिकारियों ने फोन रिसीव कर नियम कानून बताए। जब ऊपर के अधिकारियों से शिकायत करने की बात की तब जाकर बिजली कर्मचारियों को भेजने की बात कही। कुछ इसी तरह की बात नौसड़ एरिया के दीपक निषाद के साथ भी हुई। उनके घर की बिजली सप्लाई केबिल पर बंदर कूद गया, जिसके कारण दोपहर दो बजे से उनके यहां बिजली गुल हो गई। बिजली सही करने के लिए उन्होंने दो बजे जेई को फोन किया, जब बात नहीं बनी तो सब स्टेशन पर कंप्लेन किया। रात आठ बजे टीम गई तब जाकर बिजली सप्लाई सुचारू हुई।

तीन घंटे बाद पहुंचे कर्मचारी

राकेश ने पहले एसडीओ को फोन किया, जिस पर उन्होंने सब स्टेशन कंप्लेन करने के लिए कहा, जिसके बाद राकेश ने इंजीनियरिंग कालेज सब स्टेशन पर कंप्लेन भी दर्ज करा दी, कंप्लेन सुबह लगभग 9.30 बजे दर्ज करा दी गई। कंप्लेन करने के लगभग तीन घंटे बाद दो कर्मचारी उनके यहां पहुंचे। इस दौरान वह जेई को फोन करते रहे, लेकिन जेई अपना सीयूजी नंबर का फोन ही नहीं उठा रहे थे। दोपहर बाद उनकी लाइट ठीक हो पाई। शहर में पिछले एक माह से यही हाल चल रहा है। कंज्यूमर्स की कंम्पलेन के करीब पांच-छह घंटे बाद बिजली कर्मचारी पहुंच रहे है।

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