- 24 सौ लाख की तलाश में भटक रहे बिजली कर्मचारी

- कंप्यूटर में डाटा फीड न होने की दुहाई दे रहे अफसर

GORAKHPUR: शहर में एक लाख से ज्यादा के बकाएदारों की तलाश में गायब हुए उपभोक्ता बिजली विभाग का सिरदर्द बढ़ाते जा रहे हैं। बिलिंग एड्रेस पर पहुंचने वाली टीम को वापस लौटना पड़ रहा है। बकाएदारों का बिल जारी होने पर विभागीय अधिकारी उनसे निपटने के लिए तरह-तरह के उपाय तलाश रहे हैं। घर-घर जाकर मीटर रीडिंग लेने के बावजूद इस का फर्जीवाड़ा सामने आने पर अधिकारी भी हैरत में हैं। बिजली विभाग की बिलिंग प्रक्रिया पर सवाल उठने लगा है। अधिकारियों का कहना है कि इन उपभोक्ताओं का ऑटो जनरेटेड बिल है। इनमें ज्यादातर ने परमानेंट डिस्कनेक्शन करा लिया है। लेकिन सिस्टम में डाटा अपडेट नहीं किया जा सका था।

25 मार्च तक वसूलना है बकाया

पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी ने ज्यादा से ज्यादा राजस्व की वसूली पर जोर दिया है। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं का बकाया बिल वसूलने के लिए 25 मार्च को अंतिम तारीख घोषित की गई है। एमडी के निर्देश पर बिजली विभाग ने एक लाख से अधिक बकाएदारों को चिन्हित किया है। उन सभी बकाएदारों से वसूली के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। चिन्हित बकाएदारों से पैसे वसूलने में बिजली अधिकारियों और कर्मचारियों के पसीने छूट जा रहे हैं। शहर के अन्य उपभोक्ताओं में सिर्फ 1221 की तलाश हो सकी है। अन्य लोगों से बकाया वसूलने के लिए अधिकारियों को समय दिया गया है।

बिलिंग की रीडिंग, फिर भी हुए लापता

शहर में बिजली विभाग एक प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से बिल बनवाता है। बिलिंग कंपनी की जिम्मेदारी होती है कि घर-घर जाकर मीटर देखकर रीडिंग लें। फिर उपभोक्ता का बिल जारी कराएं। लेकिन इसके बाद भी तमाम तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है। उपभोक्ताओं के लापता होने से बिलिंग कंपनी के कर्मचारी भी संदेह के दायरे में आ गए हैं। जब घर-घर जाकर बिल बनाने का काम होता है तो ऐसे बकाएदार कहां लापता हो जा रहे हैं। इस गड़बड़ी को छिपाने के लिए अफसर कह रहे हैं कि कंप्यूटर में डाटा अपडेट नहीं हुआ है। इनका बिल ऑटो जनरेट होने लगा। इस वजह से यह प्रॉब्लम सामने आई। 2012 के बाद सभी का डाटा कंप्यूटर में फीड किया गया था। ज्यादातर उपभोक्ताओं का परमानेंट डिस्कनेक्शन हो चुका है।

खंड उपभोक्ता

एक 1696

दो 3106

तीन 2090

चार 1120

कुल उपभोक्ताओं से वसूली - 1221

शहर में लापता हुए उपभोक्ता - 2400

वर्जन

लापता हुए उपभोक्ताओं की पड़ताल कराई जा रही है। इनमें तमाम उपभोक्ता परमानेंट डिस्कनेशन करा चुके हैं। कंप्यूटर में उनका डाटा अपडेट न होने से ऑटो जनरेटेड बिल बन रहा था। सभी खंडों से मांगा गया है कि लाइन कटवा चुके उपभोक्ताओं की अपडेट लिस्ट बनाएं। वर्तमान में चल रहे कनेक्शन का वेरीफिकेशन भी कराया जाएगा।

- एके सिंह, एसई, विद्युत नगरीय वितरण मंडल